Recent Posts

Breaking News

HP News: सुखाश्रय योजना संवार रही अनाथ बच्चों का भविष्य, योजना पर खर्च होंगे 100 करोड़

 


बुनियादी सुविधाओं, समुचित देखभाल और धन के अभाव के साये में पल रहे निराश्रित बच्चों के लिए प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार एक बड़ा सहारा बनी है। यह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशील और दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि सरकार ने इन बच्चों को च्चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट का दर्जा प्रदान कर अभिभावक के रूप में इन्हें अपनाया है। कार्यभार संभालते ही सीएम सुक्खू ने बेसहारा बच्चों को अपनाने का संकल्प लिया था।

शपथ ग्रहण के तुरंत बाद वह शिमला में टूटीकंडी स्थित बाल आश्रम पहुंचे और वहां रह रहे बच्चों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना बनानेे का फैसला किया। इस पहल का ही परिणाम है कि आज प्रदेश के 6000 अनाथ बच्चों को अन्य बच्चों के समान उचित देखभाल और बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधाएं मिल रही हैं। हिमाचल देश का पहला राज्य बना है, जिसने अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए कानून के तहत यह योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत 101 करोड़ रुपए का मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष भी गठित किया गया है। हिमाचल सरकार ने इस योजना का विस्तार करते हुए परित्यक्त बच्चों को भी इस योजना के दायरे में शमिल किया है। राज्य सरकार ने इस योजना के अंतर्गत इन बच्चों को देश के विभिन्न दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण पर भेजने का प्रावधान किया है।

22 बच्चों को भेजा गया है भ्रमण पर

हाल ही में मुख्यमंत्री ने चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के पहले दल को 13 दिवसीय भ्रमण पर किया रवाना किया। इस दल में 22 बच्चों को भ्रमण पर भेजा गया है, जिनमेंं 16 लड़कियां और छह लडक़े शामिल हैं। इस दौरान वे चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा का भ्रमण करेंगे। प्रदेश सरकार ने भ्रमण पर भेजे गए बच्चों के लिए विशेष प्रबंध किए हैं, ताकि वे आनंदपूर्वक अपना समय बिता सकें और मधुर स्मृतियों के साथ वापस लौटें। उनकी आरामदायक यात्रा के लिए शताब्दी ट्रेन और हवाई यात्रा की व्यवस्था की गई है। रात्रि ठहराव के दौरान इनको उन कमरों में ठहराया जा रहा है, जिनमें मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी आदि ठहरते हैं।

बच्चों का हक बनता है
चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट(बच्चों) को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिह सुक्खू का कहना है कि इन अनाथ बच्चों का हिमाचल की संपदा पर बराबर अधिकार है। उनकी सरकार ही माता है और सरकार ही पिता है। जिस प्रकार हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ घूमने जाते हैं, उसी तरह राज्य सरकार ने उन्हें भ्रमण पर भेजा है।

No comments