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HP News: हिमाचल सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 शुरू, BBNDA में अब भूमि मालिकों को होगा यह फायदा

 


बीबीएनडीए में अब भू मालिकों की भागीदारी होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण (बीबीएनडीए) लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 आरंभ की है। इस नीति के तहत आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत, मिश्रित उपयोग और बुनियादी ढांचे के उन क्षेत्रों में बीबीएनडीए विकास परियोजना को बढ़ावा देगा। जिन्हें अनुमोदित विकास योजना के तहत शहरीकरण क्षेत्रों में शामिल किया गया है। प्राधिकरण परियोजनाओं के लिए स्वयं भूमि की पहचान करेगा या फिर विज्ञापनों के माध्यम से भूमि मालिकों को स्वैच्छिक भागीदारी के लिए आमंत्रित किया जाएगा। भूमि मालिक सीधे या एग्रीगेटर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। 

कम से कम 60 दिनों की निर्दिष्ट अवधि के भीतर अपनी भूमि का विवरण ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रस्तुत कर सकते हैं, जिसे प्राधिकरण द्वारा बढ़ाया जा सकता है। आवेदनों की 30 दिन के भीतर जांच की जाएगी और परियोजना कार्यान्वयन के लिए आवश्यक अनुमोदन मांगे जाएंगे। उन्होंने बताया कि लेआउट की मंजूरी मिलने के बाद इसे दो महीने के भीतर प्रकाशित किया जाएगा और भूमि मालिकों को अनुमोदित योजना के अनुसार भूमि क्षेत्र के अनुपात में प्लॉट आवंटित किए जाएंगे।

इसके बाद भूमि मालिक आवंटन अधिसूचना जारी होने के 60 दिन के भीतर एक बिक्री विलेख निष्पादित कर भूमि का स्वामित्व प्राधिकरण को देंगे। भूमि प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दी जाएगी। इसमें राज्य सरकार पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क से छूट प्रदान करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य सोलन जिला के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) क्षेत्र में संगठित और सतत् विकास को बढ़ावा देना है। यह नीति भूमि मालिकों की सक्रिय भागीदारी से असंगठित भूमि व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित नियोजन से बदलने पर केंद्रित है।

 इससे बिना अनिवार्य भूमि अधिग्रहण के भी बेहतर शहरी योजना और बुनियादी ढांचे का विकास संभव होगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस नीति के माध्यम से भूमि मालिकों के सहयोग से भूमि को पूल और विकसित करके क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं और नियोजित लेआउट की सुविधा प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति बीबीएन क्षेत्र में विकास को सुव्यवस्थित करने, बेहतर शहरी बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी। भूमि मालिकों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने से क्षेत्र में सतत और समावेशी विकास सुनिश्चित करना राज्य सरकार का लक्ष्य है।

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