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HP News: HRTC को घाटे से निकालने के लिए सरकार का बड़ा कदम, प्राइवेट ऑपरेटरों को दिए जाएंगे इतने रुट

 

एचआरटीसी को घाटे से उभारने को चल रही मुहिम

पहले 84 रूटों का हो चुका है आबंटन

शकील कुरैशी- शिमला

एचआरटीसी के 81 और रूट प्राइवेट बस ऑपरेटरों को जाएंगे। सूत्रों के अनुसार इसपर निर्णय ले लिया गया है और जल्दी ही इनके आबंटन की प्रक्रिया परिवहन विभाग पूरी कर देगा। इससे पहले 84 रूटों का आबंटन कर दिया गया है जिसके बाद अब 81 रूटों का आबंटन होगा। इसकी औपचारिकताओं को लगभग पूरा कर दिया गया है। अभी और लंबी सूची परिवहन विभाग के पास है जो चरणबद्ध ढंग से इन रूटों का आबंटन करने की प्रक्रिया को पूरा करेगा। जो 81 रूट अब प्राइवेट ऑपरेटरों का आबंटित किए जाएंगे मौजूदा समय में इन सभी रूटों पर एचआरटीसी की बसें चल रही हैं। निगम के लिए ये रूट घाटे के साबित हो रहे है जिसकी कई वजह हैं। ऐसे में इन रूटों को निगम ने सरेंडर करने का निर्णय लिया है। इन रूटों में 55 नए रूट हैं व 26 वे रूट हैं जो पहले विज्ञापित किए थे लेकिन उनके लिए कोई आवेदन नहीं आया था। परिवहन निदेशक ने सभी जिलों के आरटीओ को इन रूटों की वेरिफिकेशन करने को कहा था। एचआरटीसी ने रूट तो सरेंडर कर दिया लेकिन यह वास्तविक रूट था या नहीं और कितने किलोमीटर का है इसकी पड़ताल परिवहन विभाग ने शुरू कर दी है। इससे पहले भी एचआरटीसी से आई एक फाइल कुछ कारणों से वापस भेजी गई थी क्योंकि उसमें रूटों के नाम सही नहीं थे। इसमें शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रों में बस कितना किलोमीटर चलती है ये भी देखा गया है।

60:40 का जो रेशो तय किया गया है उसके तहत यह रूट फिट बैठते हैं या नहीं यह भी चैक किया गया है। इसकी स्पेसिफिकेशन को बदला भी जा सकता है। यदि इसे निजी आप्रेटरों को देते हैं तो इससे किसी अन्य बस की समय सारिणी प्रभावित तो नहीं होगी इन सभी तथ्यों की वेरिफिकेशन आरटीओ ने कर दी है। जिसके बाद इसकी रिपोर्ट परिवहन निदेशालय को भेज दी है। विभाग अब एक दो दिनों में इन्हें विज्ञापित कर इसके लिए आवेदन मांगेगा। राज्य सरकार ने एचआरटीसी के सरेंडर 168 रूटों को बंद कर निजी आप्रेटरों को देने की मंजूरी पहले से दी हुई है। परिवहन विभाग ने पहले इन रूटों को विज्ञापित भी कर दिया था लेकिन निजी आप्रेटरों की आपत्ति के बाद पूरी प्रक्रिया को रोका गया। इन रूटों को जब देखा गया तो कई रूट ऐसे थे जिनकी मंजूरी ही नहीं मिली थी। जबकि कई रूट आधे अधूरे बंद किए गए थे। अब इनमें से 55 रूट ही हैं जिन्हें सरेंडर कर उन्हें निजी आप्रेटरों को दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने 107 रूट निजी ऑपरेटरों को देने का निर्णय लिया था जिनमें से 84 रूटों का ही आबंटन किया जा सका है। परिवहन निदेशक डी.सी.नेगी का कहना है कि कुछ और रूटों को विज्ञापित करने की तैयारी है जिनकी पूरी छंटनी की जा चुकी है।

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