Recent Posts

Breaking News

IIT वाले बाबा अभय ने श्मशान में खाई हड्डियां और पी थी शराब! 'महाकाली का प्रसाद' वाली कहानी का क्या है राज?

 

IIT Baba Abhey Singh

IIT Baba Abhey Singh

IIT Baba in Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ में चर्चा का केंद्र बने आईआईटी वाले बाबा अभय सिंह के एक कदम ने सबको चौंका दिया है. मालूम हो कि अभय ने गुरुवार रात महाकुंभ स्थित जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम को छोड़ दिया है. आईआईटी बॉम्बे से ऐरोस्पेस इंजीनियरंग करने के बाद अभय ने कनाडा में नौकरी भी की.  मगर उनका इरादा कुछ और ही था. उन्होंने घर, परिवार सब छोड़ा और आध्यात्म की राह पर चल दिए. पता चला है कि इस बीच वह अघोरी से मिले और शमसान में भी उन्होंने साधना की.   

अभय सिंह ने 'दी लल्लनटॉप' को दिए एक इंटरव्यू में अपनी श्मशान साधना के अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि एक अघोरी बाबा से मिलने के बाद उन्होंने श्मशान में साधना करने का निर्णय लिया. इस दौरान उन्होंने हड्डियां खाने की भी बताई. हालांकि, वह वहां सिर्फ कुछ ही समय के लिए यहां रहे.  

 

अभय ने कहा, "जो उन्होंने दिया वो मैंने खा लिया सब भगवान का प्रसाद है. नहीं पता कि वह किसकी हड्डी थी. मैं गया, वहां बैठा तो साउथ के एक नागा थे..वहां तीन चार लोग और थे. वो दारू पिलाते रहे कि ये ले महाकाली का प्रसाद है. उस दिन मैंने बहुत सारे लोगों से बात की. मैं सारे दिन बैठकर जटाएं बनाता रहा. उसने मुझे अघोर का मंत्र भी दिया. जो उन्होंने मुझे दिया मैंने खा लिया फिर उन्होंने दूसरे को दिया, तब मैंने देखा अरे ये तो हड्डी है फिर सोचा चलो कोई नहीं, सब भगवान का प्रसाद है.' 

अभय ने क्यों छोड़ा आश्रम?

आश्रम के साधुओं ने कहा कि अभय का दिमागी संतुलन अचानक बिगड़ गया. वह यहां नशा लेने लगे. नशे में इंटरव्यू देने लगे और इसे सही ठहराने लगे. जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी के पास भी उन्हें ले जाया गया. वहां, ले जाने वाले साधु बताते हैं कि उनकी मानसिक स्थिति देखकर जूना अखाड़े ने फैसला किया कि इन्हें आश्रम छोड़ देना चाहिए और देर रात को अभय सिंह ने आश्रम छोड़ दिया.  गौरतलब है कि करीब 40 दिन पहले सोमेश्वर पुरी को अभय सिंह मिले थे. सोमेश्वर पुरी ने कहा कि अभय सिंह जिस आध्यात्मिक स्तर पर हैं, उन्हें गुरु की सख्त जरूरत है. हालांकि फिलहाल अभय सिंह ने किसी को अपना गुरु नहीं माना है. 


No comments