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Prayagraj Mahakumbh: प्रयागराज में ‘सनातन बोर्ड’ का होगा गठन, चारों शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख होंगे शामिल

 Prayagraj Mahakumbh: प्रयागराज में 'सनातन बोर्ड' का होगा गठन, चारों शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख होंगे शामिल

Prayagraj Mahakumbh

प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 से पहले सनातन धर्म से जुड़े साधु-संतों के बीच ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की मांग ज़ोर पकड़ रही है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने घोषणा की है कि इस मांग को धर्म संसद में लाकर केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तावित किया जाएगा। यह आयोजन महाकुंभ के दौरान संगम में 26 जनवरी को होगा, जिसमें प्रमुख संतों और ऋषियों की भागीदारी रहेगी।

Prayagraj Mahakumbh में धर्म संसद का विशेष महत्व

महाकुंभ 2025 के आयोजन की तैयारी पहले ही ज़ोरों पर है। अखाड़ा परिषद ने स्पष्ट किया है कि इस धर्म संसद का उद्देश्य सनातन धर्म के सिद्धांतों को संरक्षित और सुव्यवस्थित करना है। यह बोर्ड न केवल धर्म से जुड़े मुद्दों का समाधान करेगा बल्कि समाज में एक अनुशासित और संरक्षित संरचना की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। इसमें सभी चार पीठों के शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख संत भाग लेंगे।

महंत रवींद्र पुरी ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि प्रस्ताव को मंजूरी के बाद केंद्र सरकार को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार से मान्यता प्राप्त बोर्ड की स्थापना से सनातन धर्म की अखंडता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।

महाकुंभ 2025 की तैयारी

उत्तर प्रदेश सरकार और अखाड़ा परिषद मिलकर महाकुंभ 2025 को एक ऐतिहासिक आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। महंत रवींद्र पुरी ने 2019 के कुंभ की सफलता का ज़िक्र करते हुए कहा कि 2025 का आयोजन उससे भी अधिक भव्य होगा।

तीन साल पहले शुरू हुई तैयारियों के तहत, प्रशासन ने प्रसाद वितरण से लेकर पुलिस व्यवस्था तक हर पहलू का खाका तैयार कर लिया है। एक बार में 5,000 श्रद्धालुओं को प्रसाद परोसने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, महाकुंभ मेला नाम से एक अस्थायी जिला भी बनाया गया है, जिसमें 67 गांव शामिल हैं।

महाकुंभ मेला को लेकर योगी सरकार की खास तैयारी

महाकुंभ 2025 के आयोजन को सुव्यवस्थित करने के लिए योगी सरकार ने एक विशेष अस्थायी जिला बनाया है। इसमें चार तहसील क्षेत्रों के 67 गांवों को जोड़ा गया है। इस जिले में प्रशासन का काम वैसे ही होगा जैसे सामान्य जिलों में होता है। कानून-व्यवस्था के लिए अस्थायी पुलिस थाने और चौकियां बनाई जाएंगी। इस पहल का उद्देश्य श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध कराना और आयोजन को सफल बनाना है।

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