Weather Update: बदला मौसम का मिजाज, कब से कब तक हैं बारिश-बर्फबारी के आसार, जानिए
हिमाचल में मौसम फिर बदल गया है। गुरुवार दोपहर बाद बादल छाने के साथ ही अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी शुरू हो गई है। मौसम के प्रभाव को देखते हुए विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार सात जनवरी तक भारी बारिश-बर्फबारी की संभावना रहेगी। ऐसे में यातायात बाधित होने की संभावना रहेगी। पर्वतीय और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में आवश्यक सेवाओं पर इसका असर पड़ेगा। सडक़ें बाधित होने की वजह से दूध, सब्जी और अन्य रोजमर्रा की जरूरत का सामान पहुंचने में मुश्किल पेश आ सकती है।
इसके अलावा मैदानी इलाकों में तूफान आने की संभावना है। इसका सबसे ज्यादा असर बिजली और संचार दोनों सुविधाओं पर पड़ेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तूफान की संभावना के मद्देनजर स्थानीय लोग और पर्यटक खुले इलाकों में जाने से परहेज करें। इस बीच धुंध छाए रहने की वजह से वाहन चालकों को परेशानी पेश आ सकती है। ऊपरी क्षेत्रों मेंं पानी जमने से जल आपूर्ति में बाधा आ सकती है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ जम्मू और इससे सटे उत्तरी पाकिस्तान पर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में मंडरा रहा है। एक चक्रवाती पश्चिमी विक्षोभ ईरान के निचले और मध्य भागों में स्थित है।
पांच जनवरी को पंजाब और उसके आसपास एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण बनने की भी संभावना मौसम विभाग ने जताई है। इसके अलावा अरब सागर से उत्तर-पश्चिम भारत में नमी आने की भी संभावना है। इसका सबसे ज्यादा असर पांच से सात जनवरी के बीच देखा जाएगा। इस दौरान हिमाचल प्रदेश में काफी व्यापक से व्यापक वर्षा होने की संभावना बनी रहेगी।
इस अवधि के दौरान भाखड़ा बांध (बिलासपुर) के जलाशय क्षेत्र के कुछ हिस्सों में और उसके आसपास घना कोहरा छाए रहने की बात कही गई है। बल्ह घाटी के कुछ हिस्सों और ऊना, सोलन, सिरमौर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर गुरुवार देर रात और हमीरपुर और कांगड़ा में सुबह के समय धुंध का असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से आह्वान किया है कि वे संबंधित विभागों की सलाह और दिशा-निर्देशों का पालन करें। अपने गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले अपने मार्ग पर यातायात की भीड़ की जांच करें, सावधानी से वाहन चलाएं।
दिसंबर ने सूखा तोड़ बनाया बारिश का रिकार्ड
हिमाचल में दिसंबर माह के दौरान बारिश-बर्फबारी का रिकार्ड बन गया है। गत 124 साल में दिसंबर माह में 44वां ऐसा अवसर है, जब बारिश अपने सर्वाेच्चतम स्तर तक पहुंची है। इससे पहले 1929 में सर्वाधिक 176 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। इस बार दिसंबर में 48.2 मिमी बारिश दर्ज हुई है, जो सामान्य बारिश से 27 फीसदी ज्यादा है। इस अवधि में सबसे ज्यादा बारिश ऊना में दर्ज हुई है। यहां सामान्य से 161 प्रतिशत ज्यादा बारिश देखने को मिली है। इस दौरान शिमला, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और सिरमौर में बहुत भारी, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और किन्नौर में भारी, जबकि चंबा और लाहुल-स्पीति में सामान्य बारिश दर्ज की गई है।
दिसंबर महीने के दौरान सोलन जिला में सामान्य से कम बारिश रिकार्ड हुई है। 28 दिसंबर को ऊना के भरवाईं में सबसे ज्यादा 70 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जबकि 29 दिसंबर को चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में सबसे ज्यादा 43 सेंटीमीटर बर्फबारी का रिकार्ड बना है। दिसंबर माह के दौरान बिलासपुर में 59.1 प्रतिशत, चंबा में 63.2 प्रतिशत, हमीरपुर में 62.1 प्रतिशत, कांगड़ा में 54.8 प्रतिशत, किन्नौर में 41.5 प्रतिशत, कुल्लू में 53.1 प्रतिशत, लाहुल-स्पीति में 44.4 प्रतिशत, मंडी में 38.7 प्रतिशत, शिमला में 45.3, सिरमौर में 46.7, सोलन में 23.9 और ऊना में 53.6 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में बारिश का औसतन रिकार्ड 48.2 प्रतिशत रहा है,
जबकि राज्य में सामान्य बारिश का रिकार्ड 38.1 प्रतिशत है। दिसंबर में चार सबसे ठंडे दिन अलग-अलग जिलों में दर्ज किए गए हैं। इनमें मंडी, सुंदरनगर और चंबा में 27 दिसंबर, सुंदरनगर, भुंतर, कल्पा, मनाली, मंडी, हमीरपुर और चंबा में 28 दिसंबर और ऊना में 30 दिसंबर को कड़ाके की सर्दी महसूस की गई। जबकि 27 दिसंबर को भुंतर, ऊना और बिलासपुर जबकि 28 दिसंबर को कांगड़ा और 31 दिसंबर को कल्पा में ठंडे दिन के रूप में गिनती की गई है।
सूखे का भी बन गया कीर्तिमान
अक्तूबर और नवंबर के सूखे की वजह से बीते तीन महीनों में सबसे कम बारिश का रिकार्ड भी कायम हो गया है। अक्तूबर से दिसंबर के बीच 41वीं बार सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। इस अवधि में 49.1 मिमी बारिश हुई है। 1955 में मौसम विभाग ने इस पीरियड के दौरान सर्वाधिक बारिश का रिकार्ड दर्ज किया था। उस समय 429.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। हिमाचल में अक्तूबर में सामान्य से 97 फीसदी कम बारिश इस बार हुई है। अक्तूबर माह में हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू जिले पूरी तरह से सूखाग्रस्त रहे हैं। नवंबर माह में सामान्य से 99 प्रतिशत बारिश कम हुई। यानि पूरे महीने में औसतन एक फीसदी ही बारिश दर्ज हो पाई। जबकि राज्य में सामान्य बारिश का रिकार्ड 19.7 फीसदी है।
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