अयोध्या में 22 साल की दलित युवती की न्यूड बॉडी मिली थी, हरिराम कोरी, विजय साहू और दिग्विजय सिंह ने क्या किया था उसके साथ?

Ayodhya Dalit girl murder news: अयोध्या के सहनवां गांव में 22 वर्षीय दलित युवती की निर्मम हत्या और दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों – हरिराम कोरी, विजय साहू और दिग्विजय सिंह – को गिरफ्तार कर लिया है. एसएसपी राज करण नैय्यर ने रविवार को इस जघन्य अपराध का खुलासा करते हुए बताया कि तीनों आरोपियों ने शराब के नशे में वारदात को अंजाम दिया और फिर सबूत मिटाने के लिए युवती का शव नाले के पास फेंक दिया था.
शिकायत मिलने के बाद सक्रिय हुई पुलिस
युवती के परिवार ने 31 जनवरी को उसके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. अगले दिन 1 फरवरी को उसका शव एक नाले के पास बरामद हुआ. प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ कि हत्या कहीं और की गई थी और शव को नाले के पास फेंका गया था ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने चार टीमें गठित कीं और वैज्ञानिक साक्ष्यों, सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर 2 फरवरी को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. एसएसपी नैय्यर ने बताया कि तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. पुलिस अब इनकी रिमांड लेने की प्रक्रिया में है ताकि अन्य पहलुओं की जांच की जा सके. इस मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल कर फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराने की योजना है.
परिवार का आरोप: बर्बरता से की गई हत्या
परिजनों ने आरोप लगाया कि युवती की हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया. उन्होंने यह भी दावा किया कि उसकी आंखें फोड़ दी गई थीं, हड्डियां तोड़ दी गई थीं और शरीर पर गहरे जख्म थे. पुलिस इस पूरे मामले में मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच आगे बढ़ा रही है.
मामले ने पकड़ा राजनीतिक तूल
यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि "भाजपा सरकार के तहत पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) पर अत्याचार बढ़ रहा है." फैजाबाद से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और इस दौरान भावुक हो गए और रो पड़े. उन्होंने कहा, "मैं उसे बचा नहीं पाया." इसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि सपा नेता "नाटक" कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी. राहुल गांधी ने कहा कि यदि पुलिस ने युवती के लापता होने के बाद परिवार की शिकायत पर कार्रवाई की होती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी. प्रियंका गांधी ने इसे "मानवता को शर्मसार करने वाली घटना" करार देते हुए दोषियों के साथ-साथ जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की.
फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जल्द सुनवाई की तैयारी
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी और फास्ट-ट्रैक कोर्ट के जरिए दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी. प्रशासन पर दबाव बढ़ने के साथ ही यह देखना होगा कि सरकार और कानून व्यवस्था इस संवेदनशील मामले में कितना तेजी से न्याय दिला पाते हैं.
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