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..मैंने 25 लाख इन्वेस्ट किए और आज बस 1000 की बिक्री की...व्यापारी आशीष को कुंभ में हुआ 'महा नुकसान'

  


Mahakumbh News: महाकुंभ में जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, वहीं यहां के पॉश मार्केट त्रिवेणी बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन की अव्यवस्था और ट्रैफिक डायवर्जन के कारण उनकी बिक्री ठप हो गई है. ग्राहकों के न पहुंचने से कई दुकानदार भारी नुकसान झेल रहे हैं. कुछ अपनी दुकानें बंद कर लौट चुके हैं, जबकि कुछ व्यापारियों ने भावुक होकर यूपी Tak के कैमरे के सामने अपना दर्द बयान किया है. व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने महाकुंभ में अच्छी बिक्री की उम्मीद से निवेश किया था, लेकिन प्रशासन की नीतियों ने उनके कारोबार को चौपट कर दिया.

यूपी Tak से बातचीत में व्यापारी आशीष पांडे ने कहा, "काम बहुत बेकार चल रहा है, यहां कुछ भी नहीं है. मेला प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दी है, जिसकी वजह से यहां कोई भी नहीं आ रहा है. रिकवरी छोड़िए हम डेली के खर्चे नहीं निकाल पा रहे हैं. मेरा यहां टोटल इन्वेस्टमेंट 22 से 25 लाख का है. मैंने उसका 5% भी निकाला है. आज मैंने बस 1000 रुपये की बिक्री की है."

उत्तराखंड से आए व्यापारी का दर्द जानिए

उत्तराखंड से महाकुंभ में दुकान लगाने आए सुरेश कुमार गुप्ता नामक व्यापारी ने कहा, "इस मेले में मेरा सामान 25% भी नहीं बिका है. नीलामी के बाद उचित बोली बोलकर हमने दुकान खरीदी थी. टोटल दुकान की कीमत 15 लाख रुपये है. प्रशासन अपनी बता पर खड़ा नहीं उतरा. हम व्यापारी लोग रो गए हैं. अगले महीने 17 मार्च को मेरी बेटी की शादी है. लाखों रुपये कर्जा लेकर मैंने 70 लाख का इन्वेस्टमेंट किया. हमने कुछ कमाया नहीं बल्कि गंवा दिया."

'बेटी के बारे में मैंने क्या-क्या सपने सोच कर रखे थे'

उन्होंने आगे कहा, "मेरी दुकान का खर्चा तक नहीं निकला है. बेटी के बारे में मैंने क्या-क्या सपने सोच कर रखे थे. पता नहीं वो सपना पूरा होगा कि नहीं होगा. प्रशासन ने जो वादे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया." 

आपको यह भी बता दें कि कई दुकानदार भारी नुकसान के चलते अपनी दुकानें बंद कर अपने घर लौट गए हैं. एक व्यापारी ने कैमरे पर दिखाया कि किस तरह कई दुकानें अब पूरी तरह बंद पड़ी हैं, क्योंकि दुकानदार अपना स्टॉक नहीं बेच सके और भारी घाटा झेलने के बाद उन्हें मजबूरी में वापस जाना पड़ा. व्यापारियों ने प्रशासन से इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देने और उचित मुआवजे की मांग की है.

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