महाकुंभ ने रच दिया इतिहास, गिनीज वर्ल्ड बुक में इतने रिकॉर्ड किए अपने नाम
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने न सिर्फ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से दुनिया का ध्यान खींचा है. बल्कि इस बार इसने तीन ऐतिहासिक विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम किए हैं. इन रिकॉर्ड्स को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने मान्यता दी है, जिससे भारत की यह पवित्र धरती एक बार फिर वैश्विक पटल पर सुर्खियों में छा गई है. 13 जनवरी से शुरू हुआ यह महाकुंभ 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ समाप्त हुआ. लेकिन इस दौरान बनी ये उपलब्धियां लंबे समय तक याद की जाएंगी.
गंगा सफाई का विश्व रिकॉर्ड
महाकुंभ के दौरान गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर एक अनोखी पहल की गई. इस अभियान में 329 सफाई कर्मियों ने एक साथ गंगा की सफाई में हिस्सा लिया और एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया. यह रिकॉर्ड पहले के उस कीर्तिमान को तोड़ता है, जिसमें 10,000 लोगों ने एक साथ सफाई अभियान में भाग लिया था.
इस पहल का मकसद न सिर्फ गंगा को स्वच्छ रखना था, बल्कि दुनिया को यह संदेश देना भी था कि पर्यावरण और आस्था का गहरा नाता है. संगम क्षेत्र में फैली गंदगी को हटाने के लिए ये कर्मचारी कई घाटों पर एकसाथ सक्रिय हुए. इस अभियान को देखने के लिए गिनीज बुक की टीम भी मौजूद थी, जिसने इसकी प्रक्रिया को प्रमाणित किया.
झाड़ू लगाने का सबसे बड़ा विश्व रिकॉर्ड
महाकुंभ क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए एक और शानदार रिकॉर्ड बनाया गया. इस बार 19,000 सफाई कर्मियों ने एक साथ झाड़ू उठाकर मेला क्षेत्र की सफाई की और गिनीज बुक में अपनी जगह बनाई. यह अभियान चार अलग-अलग जोनों में आयोजित किया गया जिसमें करीब 10 किलोमीटर तक के घाटों को साफ किया गया. इस दौरान प्रयागराज के मेयर गणेश केसरवानी और महाकुंभ की विशेष कार्यकारी अधिकारी अकांक्षा राणा भी मौजूद रहीं.
हैंड पेंटिंग का अनोखा विश्व रिकॉर्ड
महाकुंभ में कला और एकता का भी शानदार प्रदर्शन हुआ. 10,102 लोगों ने एक साथ मिलकर हैंड पेंटिंग बनाई और एक नया विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया. यह रिकॉर्ड 2019 के कुंभ मेले में बने पिछले कीर्तिमान को तोड़ता है, जिसमें 7,600 लोगों ने हिस्सा लिया था. गंगा पंडाल में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों ने अपने हाथों के निशान एक विशाल कैनवास पर बनाए, जो 80 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा था. यह कला सिर्फ रिकॉर्ड बनाने तक सीमित नहीं थी. बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक भी बनी. इस आयोजन में शामिल हर शख्स ने अपनी छाप छोड़ी जिसे देखकर गिनीज बुक की टीम ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी हैंड पेंटिंग पहल के रूप में मान्यता दी.
इन रिकॉर्ड्स का महत्व
ये तीनों रिकॉर्ड महाकुंभ 2025 के दौरान न सिर्फ इस आयोजन की भव्यता को दर्शाते हैं. बल्कि स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सामूहिक भागीदारी जैसे मूल्यों को भी बढ़ावा देते हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन उपलब्धियों को अभूतपूर्व बताया और कहा कि यह संतों, साधुओं और श्रद्धालुओं के आशीर्वाद से संभव हुआ. उनके नेतृत्व में राज्य सरकार ने इन रिकॉर्ड्स को हासिल करने के लिए खास योजना बनाई थी जिसमें सफाई कर्मियों से लेकर प्रशासन तक सभी ने अहम भूमिका निभाई. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने इन सभी पहलों की निगरानी की और प्रमाण-पत्र जारी किए, जिससे भारत का गौरव और बढ़ा.
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