उन्नाव में नहीं मिली एम्बुलेंस तो बाइक पर शव ले गए घरवाले, मृतक के भाई ने जो बताया उसे भी जानिए
Unnao News: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक सरकारी अस्पताल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में परिजन एक शव को जिंदा व्यक्ति की तरह बाइक पर ले जाते हुए नजर आ रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि न तो मरीज को ले जाने के लिए एम्बुलेंस मिली और न ही शव वाहन की सुविधा दी गई, जिससे वे शव को बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर हो गए. यह घटना प्रशासन की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है.
आइए देखते हैं क्या है पूरा मामला?
यह मामला उन्नाव के बांगरमऊ सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) का है. बांगरमऊ के जगटापुर गांव निवासी 60 वर्षीय रामपाल की अचानक तबीयत बिगड़ गई. परिजनों के मुताबिक, उन्होंने तुरंत एम्बुलेंस के लिए फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस स्टाफ ने 2 घंटे बाद पहुंचने की बात कही. लंबा इंतजार करने के बाद जब कोई मदद नहीं मिली, तो परिजनों ने उन्हें बाइक से ही अस्पताल ले जाने का फैसला किया.
बांगरमऊ सीएचसी पहुंचने पर डॉक्टरों ने रामपाल को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस या शव वाहन की मांग की, लेकिन घंटों इंतजार के बावजूद कोई वाहन नहीं मिला. इसी मजबूरी के चलते शव को बाइक पर घर ले जाना पड़ा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसे देखकर लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं. हालांकि, यूपी Tak इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
प्रशासन ने दी ये सफाई
सरकारी अस्पताल में मौजूद मृतक के भाई जागेश्वर ने कहा, "हमने एम्बुलेंस के लिए फोन किया था, लेकिन 2 घंटे बाद आने की बात कही गई. इंतजार के बावजूद कोई वाहन नहीं मिला, इसलिए हमें शव को बाइक पर ही ले जाना पड़ा."
वहीं, वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सफाई दी. उन्नाव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि जिले में कुल 84 एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने ये भी दावा किया कि ये एम्बुलेंस एक फोन कॉल पर 5 से 8 मिनट में मरीजों तक पहुंच जाती है. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि बांगरमऊ सीएचसी में शव वाहन क्यों उपलब्ध नहीं था, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है.
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