आखिर कब तक? गन्ना मिल ने बकाया नहीं दिया तो बेटी की फीस नहीं भर पाया, फिर शामली के आजाद ने अपने साथ ये कर डाला
UP News: कर्ज आदमी को तोड़ कर रख देना है. कर्ज के जाल में जब इंसान फंसता है तो वह फंसता ही चला जाता है. उत्तर प्रदेश के शामली में एक किसान कर्ज के जाल में ऐसा फंसा कि बाहर ही नहीं निकल पाया. हालात ऐसे हो गए कि बेटी की स्कूल फीस तक जमा नहीं कर पाया. इन सब से तंग आकर किसान ने अपनी जीवन लीला ही खत्म कर ली और अपने परिवार को अकेला छोड़कर हमेशा के लिए चला गया. अब परिवार में कोहराम मचा हुआ है.
खेत में पड़ा मिला शव
शामली के गांव पूर्व माफी में 50 वर्षीय किसान आजाद का शव खेत में पड़ा मिला. शव के पास तमंचा भी था. परिजनों के मुताबिक, आजाद के पास 15 बीघा जमीन थी. कुछ समय पहले उसने दो बीघा जमीन बेच दी थी. वह बेटी की स्कूल की फीस भी समय पर जमा नहीं कर पा रहा था. स्कूल की तरफ ₹40000 फीस जमा करने के लिए बार-बार कहा जा रहा था. दूसरी तरफ बैंक के 3.5 लाख रुपये और सरकारी समिति के सवा लाख रुपये का कर्ज उसके ऊपर चल रहा था.
गन्ना मिल का 2 लाख बकाया था
मंगलवार की सुबह 6 बजे किसान आजाद रोजाना की तरह घर से खेत पर काम करने गए. खेत में उनके साथ दो नौकर भी गए थे. खेत पर नौकर काम में लग गए, जबकि आजाद नलकूप से थोड़ा आगे खेत में चले गए. कुछ देर बाद गोली चलने की आवाज सुनी तो नौकर दौड़कर मौके पर पहुंचे तो किसान का खून से लथ-पत शव देखा. मौके पर पुलिस को भी बुलाया गया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. मौके पर पड़ा मिला तमंचा भी बरामद कर लिया गया.
मृतक के भाई ने बताया, थाना भवन मिल पर उसका गन्ने का 2 लाख भी मिल पर बकाया चल रहा था. मिल को 2 लाख का भुगतान करना था. मगर भुगतान नहीं हो पा रहा था. इसलिए ना वह अपनी पत्नी का इलाज करवा पा रहा था और ना ही बेटी की फीस जमा करवा सका था.
पत्नी समेत 1 बेटी और 1 बेटा को छोड़ गया
किसान आजाद की मौत से परिवार सदमे में हैं. परिवार में कोहराम मचा हुआ है. मृतक का एक बेटा 18 साल का है तो एक बेटी क्लास 9 की छात्रा है. बेटा पढ़ाई छोड़कर पिता के साथ खेती में लग गया था. फिलहाल किसान की मौत के बाद इस परिवार के सामने कई चुनौतियां सामने आ गई हैं. किसान की मौत से गांव और क्षेत्र में गम का मौहाल है.
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