नंदकिशोर का था बच्चा, मोहिनी भी थी शदीशुदा...दोनों करते थे बेपनाह प्यार, पर ऐसे हुआ स्टोरी का The End..
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक प्रेम कहानी का ऐसा अंत हुआ, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. वर्षों से चल रहे प्रेम संबंध को समाज और परिस्थितियों की बेड़ियों ने इस कदर जकड़ लिया कि आखिरकार प्रेमी जोड़े ने एक खौफनाक कदम उठा लिया. शादीशुदा प्रेमी जोड़े ने रेलवे ट्रैक पर एक-दूसरे का हाथ बांधकर ट्रेन के आगे छलांग लगा दी, जिससे मौके पर ही दोनों की दर्दनाक मौत हो गई.
हाथों में बंधी रही डोर, लेकिन जिंदगी की डोर छूट गई
घटना बांदा के गिरवां थाना क्षेत्र के डिंगवाही गांव की है, जहां सुबह ग्रामीणों को रेलवे ट्रैक पर क्षत-विक्षत हालत में युवक और युवती के शव पड़े मिले. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. मृतकों की पहचान नंदकिशोर और मोहिनी के रूप में हुई. पुलिस को घटनास्थल से जो सुराग मिले, उनसे यह स्पष्ट हुआ कि दोनों ने जानबूझकर हाथों को एक अंगौछे से बांधा और आत्महत्या कर ली.
प्यार अधूरा रह गया, लेकिन साथ मौत को गले लगाया
जानकारी के मुताबिक, नंदकिशोर की शादी चार साल पहले हो चुकी थी और उसका एक बच्चा भी है, जबकि उसकी पत्नी गर्भवती है. वहीं, मोहिनी की शादी पिछले साल हमीरपुर में हुई थी और वह हाल ही में मायके आई हुई थी. दोनों के घर आमने-सामने थे और उनके बीच कई सालों से प्रेम संबंध चल रहा था. लेकिन पारिवारिक और सामाजिक बंधनों ने उन्हें साथ नहीं रहने दिया.
रात में घर से निकले, सुबह मौत की खबर आई
परिजनों ने बताया कि रात में दोनों घर से अचानक गायब हो गए थे, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि वे ऐसा आत्मघाती कदम उठा लेंगे. जब सुबह ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक पर दोनों के शव देखे तो हड़कंप मच गया.
प्रेमी जोड़ों के लिए सबक या समाज के लिए सवाल?
स्थानीय लोगों का कहना है कि शादी के बाद भी दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना था, लेकिन समाज के डर और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वे खुलकर अपने रिश्ते को स्वीकार नहीं कर सकते थे. यही वजह रही कि उन्होंने मौत को ही आखिरी रास्ता समझा.
पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों से पूछताछ कर रही है. पुलिस आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच कर रही है और सभी एंगल से मामले को देख रही है.
यह प्रेम की हार थी या सामाजिक बंदिशों की जीत?
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं- क्या प्रेम करने वालों को समाज का डर इतना सताने लगा है कि वे मौत को गले लगाने को मजबूर हो रहे हैं? क्या प्रेम की सजा इतनी कठोर होनी चाहिए? यह मामला केवल आत्महत्या नहीं, बल्कि समाज में रिश्तों की जटिलता और पारिवारिक दबावों का एक दर्दनाक उदाहरण है.
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