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महिला 3 बार मर्जी से आरोपी के साथ होटल के कमरे में गई, रेप केस में आया सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

 

महिला 3 बार मर्जी से आरोपी के साथ होटल के कमरे में गई, रेप केस में आया सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला


लात्कार से जुड़े एक मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष न्यायालय का कहना है कि शादी का वादा टूटने का मतलब रेप नहीं हो जाता है। इस केस में एक शख्स पर शादी का वादा कर जबरन शारीरिक संबंध बनाने के आरोप लगे थे।

अदालत ने आरोपी के खिलाफ दर्ज रेप केस को खत्म कर दिया है।

दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 376 और 420 के तहत दर्ज FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने याचिका को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि महिला तीन बार आरोपी के साथ होटल के कमरे में गई थी।

साथ ही कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि सहमति देने के समय कोई धोखा देने की बात थी, जिससे अनुमान लगाया जा सके कि शादी का वादा तोड़ा गया था।

कोर्ट ने कहा, 'पुलिस के सामने पीड़िता की तरफ से दिए गए बयानों, दोनों प्रथम सूचना बयानों और इसके बाद दर्ज किए बयानों को पढ़ने के बाद हम यह बात नहीं मान सकते कि दोनों पक्षों के बीच बने शारीरिक संबंध पीड़िता की सहमति के बगैर बने थे। पीड़िता ने स्वीकार किया है कि वे रिलेशनशिप में थे।'

कोर्ट ने आगे कहा, 'आरोप ये भी हैं कि आरोपी के साथ यौन संबंध बनाने के लिए पीड़िता के साथ जबरदस्ती की गई थी और धमकी दी गई थी। पीड़िता के बयान के अनुसार ऐसा उसी तरीके से तीन बार हुआ, जब वह तीन बार मर्जी से आरोपी के साथ होटल के कमरे में गई। पीड़िता ने यह भी बताया है कि पहली और दूसरी घटना के बाद वह मानसिक रूप से परेशान थी, लेकिन इसके बावजूद वह आरोपी के साथ होटल के कमरों में जाने से नहीं रुकी।'

आरोप

पीड़िता के आरोप थे कि आरोपी ने शादी का झूठा वादा कर तीन मौकों पर उसके साथ यौन संबंध बनाए हैं। उन्होंने दावा किया कि पहली घटना के बाद आरोपी ने शादी का वादा किया था, लेकिन बाद में मुकर गया। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, वह दो बार और आरोपी के साथ होटल के कमरे में गईं और हर बार जबरदस्ती किए जाने के आरोप लगाए।

क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर घटना के बाद तनाव का दावा करने के बाद भी पीड़िता मर्जी से तीन बार आरोपी के साथ होटल के कमरों में गईं। कोर्ट ने कहा कि यह बर्ताव लगाए गए पीड़िता की तरफ से लगाए गए जबरदस्ती करने के आरोपों के विपरीत है।

खास बात है कि कोर्ट ने इस मामले में पृथ्वीराज बनाम राज्य का जिक्र किया, जहां कोर्ट ने रेप के अपराध पर विस्तार से समझाया था। तब कोर्ट ने कहा था कि रेप का आरोप माने जाने की पहली शर्त है कि आरोपी ने सिर्फ यौन संबंध बनाने के लिए शादी का वादा किया है, जहां उसका मकसद शुरुआत से ही इसे पूरा करना नहीं है। दूसरा यह कि अभियोक्ता ने सीधे तौर पर शादी के झूठे वादे से प्रभावित होकर यौन संबंध की सहमति दे दी।

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