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बिहार में ओवैसी का खेल खत्म! BJP का एक मास्टरस्ट्रोक...छटपटा कर रह जाएगी AIMIM, लालू भी होंगे बेचैन

 

Bihar Chunav: बिहार में ओवैसी का खेल खत्म! BJP का एक मास्टरस्ट्रोक...छटपटा कर रह जाएगी AIMIM, लालू भी होंगे बेचैन


ई दिल्ली: बिहार की सियासत में इफ्तार पार्टियों का अपना महत्व है. अभी रमजान का पाक महीना चल रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इफ्तार पार्टियों की वजह से हलचल बढ़ गई है. इफ्तार के बहाने सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने में जुट गए हैं. 

बिहार में लालू यादव से लेकर चिराग पासवान तक ने इफ्तार पार्टी दी. लालू प्रसाद यादव की इफ्तार पार्टी के अगले ही दिन भाजपा ने अपना दांव चल दिया. भाजपा ने ऐसे मास्टरस्ट्रोक की घोषणा की है, जिससे लालू यादव की बेचैनी तो बढ़ेगी ही. साथ ही ओवैसी का भी बिहार में खेल खत्म होने की संभावना है. जी हां, भाजपा देशभर पहली बार करीब 32 लाख गरीब मुसलमानों को बड़ा तोहफा देने जा रही है.

सबसे पहले जानते हैं कि भाजपा का बिहार चुनाव से पहले क्या प्लान है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी देशभर के गरीब मुसलमानों को ईद के मौके पर तोहफे बांटेगी. देशभर के 32 लाख मुसलमानों को इद के मौके पर सौगात-ए-मोदी किट भेजा जाएगा. ईद पर भाजपा का इस तरह का पहली बार कदम है. इस किट में सेवइयां, ड्राई फ्रूट्स, कपड़े और ईद से जुड़े सामान होंगे. भाजपा का मकसद है कि गरीब मुसलमानों को ईद मनाने में किसी तरह की तकलीफ न हो. बताया गया कि भाजपा के करीब 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों के संपर्क में हैं. आज से सभी 32 लाख गरीब मुसलमानों को ईद मनाने के लिए सौगात-ए-मोदी किट मिलना शुरू हो जाएगा.

बिहार चुनाव से क्या कनेक्शन
ईद के मौके पर भाजपा के सौगात-ए-मोदी को बिहार चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. बिहार में इस साल के आखिर में चुनाव है. बिहार में चुनावी लिहाज से मुसलमान बड़ा फैक्टर हैं. लालू यादव की राजद की सियासत ही माई (MY) समीकरण पर टिकी रही है. माई यानी मुसलमान और यादव. इस पर बीते कुछ समय से ओवैसी ने सेंधमारी करने की कोशिश की है. इसका नतीजा है कि बिहार में अभी ओवैसी की एआईएमआईएम ने पिछले चुनाव में पांच सीटें जीतीं. ओवैसी बिहार के मुसलमानों को कहते रहे हैं कि एआईएमआईएम ही उनका भला कर सकती है. उनकी आवाज उठाने वाली केवल एआईएमआईएम पार्टी ही है.

ओवैसी का होगा बिहार चैप्टर का द एंड?
अब जानते हैं कि ओवैसी की बिहार में कितनी ताकत है. बिहार में ओवैसी की ताकत का अंदाजा सीटों से लगाना ठीक होगा. साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की AIMIM ने 5 सीटें जीती थीं. हालांकि बाद में 2022 में इसके 4 विधायकों ने लालू-तेजस्वी की राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने का फैसला किया. इसकी वजह से AIMIM की सीटों की संख्या घटकर 1 रह गई. इसलिए अभी तक AIMIM के पास बिहार विधानसभा में केवल 1 विधायक है. यह हकीकत है कि ओवैसी ने राजद के वोटबैंक में ही सेंधमारी की है. अब जब भाजपा ने मुसलमानों के लिए ईद पर सौगात-ए-मोदी किट देने का ऐलान किया है, तो इससे साफ है कि ओवैसी की टेंशन बढ़ेगी. ओवैसी अक्सर मुसलमानों को भाजपा का नाम लेकर डराते रहे हैं. ऐसे में भाजपा के इस दांव से AIMIM के पास छटपटाने के सिवा कोई विकल्प नहीं है.

बिहार में कैसे भाजपा करेगी खेल?
बिहार में करीब 18 से 20 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. ये मुस्लिम वोटर हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ऐसे में भाजपा आज जो सौगात-ए-मोदी कैंपेन शुरू करने जा रही है, उसका सियासी असर भी होगा. ऐसा कहा जाता है कि बिहार के मुसलमान लालू यादव को वोट करते हैं. बचे-खुचे ओवैसी की ओर जाते हैं. मगर अब ईद पर भाजपा तोहफा देकर अपनी छवि बदलने की कोशिश में जुट गई है. इसका असर चुनाव में दिख सकता है. वैसे भी भाजपा का यह कदम ऐतिहासिक भी है. ऐसा पहली बार है, जब भाजपा ईद पर मुसलमानों को सौगात देने जा रही है. ऐसे में तय है कि भाजपा के इस कदम से बिहार चुनाव में खलबली मचेगी. लालू यादव की टेंशन तो बढ़ेगी. साथ ही ओवैसी का कहीं बिहार में द एंड न हो जाए. बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है.

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