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भाई के गुनाह की सजा बहन को! पुलिस ने पहले खेत में मारा, बेहोश हुई तो पानी पिलाकर फिर पीटा, थाने में भी टॉर्चर; प्राइवेट पार्ट में चोट, डर ऐसा कि कर लिया सुसाइड

 

भाई के गुनाह की सजा बहन को! पुलिस ने पहले खेत में मारा, बेहोश हुई तो पानी पिलाकर फिर पीटा, थाने में भी टॉर्चर; प्राइवेट पार्ट में चोट, डर ऐसा कि कर लिया सुसाइड


त्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक महिला के साथ पुलिस की क्रूरता की दिल दलहा देने वाली घटना सामने आई है. एक मामले में आरोपी भाई को पकड़ने पहुंची पुलिस ने उसकी बहन पर ऐसा जुल्म किया कि उसने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली. 

परिवार का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से महिला के प्राइवेट पार्ट पर भी चोट आई थी. आरोपी की बहन तीन बच्चों की मां थी. मृतक महिला के बेटे ने बताया कि पुलिस ने उसकी मां को खेत में पकड़ा और उसे जमकर पीटा. उसे इतना मारा कि वो बेहोश हो गई. इसके बाद पुलिस वालों ने उसे पानी पिलाया और होश में लाए. इसके बाद घसीटकर उसे पुलिस की गाड़ी में बैठाया और थाने ले गए.

थाने ले जाते वक्त भी उसकी पिटाई की. इसके बाद थाने में ले जाकर भी उसे नहीं छोड़ा. वहां पीटने के बाद पुलिसवालों ने कहा कि अब जाओ कल सुबह 10 बजे आना. पुलिस के इस बर्बरता से महिला में इतना खौफ बैठ गया कि घर पहुंचने के बाद उसने फंदे पर लटककर जान दे दी. घटना के बाद इलाके में भारी तनाव फैल गया. मामला अलीगढ़ के पालीमुकीमपुर थाना क्षेत्र के हरनौट गांव का है. मृतका की उम्र 46 वर्ष बताई गई है. पुलिस ने आरोपी अधिकारियों को लाइन हाजिर कर हर संभव कार्रवाई और मदद की बात कही है.

पुलिस पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों में आक्रोश

मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला के गुप्तांगों पर भी प्रहार किए और उसे अमानवीय यातनाएं दीं. घटना के बाद जब महिला का शव गांव पहुंचा तो ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. परिजनों ने शव को थाने ले जाने और पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अमृत जैन, सीओ इगलास महेश कुमार और अन्य उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को शांत कराया.

पुलिस हिरासत में बर्बरता का शिकार हुई महिला

दरअसल, 29 मार्च को दादों थाने की पुलिस प्रेम-प्रसंग के आरोपी छोटे उर्फ राकेश को पकड़ने के लिए हरनौट गांव पहुंची थी. पुलिस आरोपी के न मिलने पर उसकी बहन लक्ष्मी देवी को जबरन पकड़कर थाने ले गई. लक्ष्मी देवी अपने बेटे के साथ खेत में गेहूं काट रही थी, तभी पुलिस ने उसे घसीटते हुए गाड़ी में डाल दिया. रास्ते में भी, और थाने में उसे लगातार पीटा गया. शाम को पुलिस ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के हस्तक्षेप के बाद मां-बेटे को रिहा कर दिया. लेकिन पुलिस ने अगले दिन सुबह 10 बजे फिर से पूछताछ के लिए बुलाया, जिससे डरी-सहमी लक्ष्मी देवी ने रात में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

गांव में हंगामा, पुलिस पर कार्रवाई की मांग

30 मार्च की सुबह जब ग्रामीणों ने महिला का शव पेड़ से लटका देखा, तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया. परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की और शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. सूचना मिलते ही कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची.

पुलिस अधिकारियों ने दिए कार्रवाई के आदेश

बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने दादों थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह, महिला कांस्टेबल और अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया. साथ ही, निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों को निलंबित करने और कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. परिजनों को प्रशासन से मुआवजा दिलाने की भी बात कही गई, जिसके बाद वे पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए.

परिवार में मातम

लक्ष्मी देवी अपने पीछे पति और तीन बेटों को छोड़ गई है. इस घटना के बाद पूरे गांव में आक्रोश है, और लोग पुलिस के इस अमानवीय कृत्य पर न्याय की मांग कर रहे हैं. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है.

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