सरयू नदी में मछली पकड़ रहे थे मछुआरे, अचानक जाल में फंस गई ऐसी चीज, देखते ही याद आया शिवजी का श्राप!

अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी में मछुआरों द्वारा मछली पकड़ने के दौरान भगवान शिव की मूर्ति मिलने की खबर है. बताया जा रहा है कि मूर्ति पीली धातु से बनी है. साथ ही इसका वजन चौदह किलो का है.
मूर्ति की ऊंचाई दो फीट है. मछुआरे सुबह जब मछली के लिए जाल निकालने लगे तो उन्हें जाल काफी भारी लगा. मशक्क्त के बाद जाल को बाहर निकाला गया. पता चला कि जाल में मछलियों के साथ ही साथ शिव जी की मूर्ति भी फंस गई थी.
मूर्ति को बाहर निकाल मछुआरों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दे दी. घटना थाना गोसाईगंज के ग्राम पौसरा भरवा का पुरवा का है. यहां के कई ग्रामीण सरयू नदी से मछली पकड़कर अपना जीवन-यापन करते हैं. इसी दौरान अचानक ही उनके जाल में शिव जी की ये मूर्ति अटक गई. मूर्ति को पुलिस ने अभी अपने कब्जे में रखा है. सरयू नदी में शिव जी की मूर्ति मिलने की खबर आसपास के क्षेत्रों में आग की तरह फ़ैल गई.
काफी भारी है मूर्ति
नदी से निकली मूर्ति के बारे में अभी डिटेल जानकारी नहीं मिल पाई है. हालांकि, मछुआरों से बातचीत में पता चला कि उसका रंग पीला था. ऐसे में ये पीली धातु से बनी थी. इसका वजन भी करीब बारह किलो बताया जा रहा है. मूर्ति दो फ़ीट ऊंची थी. सरयू नदी से शिव जी की मूर्ति मिलने से लोगों में हैरानी है. ऐसा इसलिए कि भगवान शिव द्वारा ही सरयू नदी को श्राप देने की कथा प्रचलित है. इसी श्राप की वजह से सरयू नदी के जल का मंदिरों में इस्तेमाल नहीं किया जाता.
इसलिए रुष्ट हुए थे भगवान शिव
प्रचलित कथाओं के मुताबिक़, भगवान राम ने सरयू नदी में जल समाधि ली थी. जब इसकी जानकारी भगवान शिव को हुई तो वो सरयू नदी पर काफी क्रोधित हुए थे. इसी क्रोध में उन्होंने नदी को श्राप दे दिया था. इस श्राप की वजह से आज भी सरयू नदी का पानी पूजा-पाठ में इस्तेमाल नहीं किया जाता है. जहां आप शिवलिंग का अभिषेक किसी भी जल से कर सकते हैं, वहीं सरयू नदी का जल ऐसा करने के लिए वर्जित है. ऐसे में उसी नदी से शिवजी की मूर्ति मिलना लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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