Recent Posts

Breaking News

Chaitra Navratri: पहले नवरात्र पर सवा लाख भक्त नतमस्तक, खूब उमड़ा आस्था का सैलाब, सुबह से लगी लाइनें

 


हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में चैत्र नवरात्र मेले का आगाज कंजक पूजन और झंडा रस्म के साथ हुआ। चैत्र नवरात्रों के पहले दिन रविवार को माता के दर्शनों के लिए प्रदेश के शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मां के दर्शनों के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की लाइनें लगी रही। रविवार को दिनभर प्रदेश के शक्तिपीठों में माता के जयकारे गूंजते रहे। 

प्रदेश के पांच शक्तिपीठों में चिंतपूर्णी, ज्वाला जी, नयनादेवी, बज्रेश्वरी देवी व चामुंडा देवी मंदिर में एक लाख 23 हजार श्रद्धालुओं ने माथा टेका। चैत्र नवरात्र मेलों के दौरान मंदिरों में मैया की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। ऊना जिला के उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर में नवरात्र मेले के पहले दिन 40 हजार श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। 

नयनादेवी मंदिर में 30 हजार भक्तों ने मां के चरणों में शीश नवाया। एसडीएम स्वारघाट धर्मपाल चौधरी ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर प्रबंध किए गए हैं।ज्वालामुखी मंदिर में 25 हजार श्रद्धालुओं ने माथा टेका। मंदिर अधिकार मनोहर लाल ने बताया कि नवरात्र मेले का आगाज कंजक पूजन के साथ किया गया। -एचडीएम

बज्रेश्वरी धाम में 23 हजार, चामुंडा मंदिर में पांच हजार भक्तों ने टेका माथा

कांगड़ा स्थित बज्रेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्र मेले के पहले दिन रविवार को 23000 श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में माथा टेका। मंदिर अधिकरी नीलम राणा ने बताया कि पहले नवरात्र के चढ़ावे की गिनती सोमवार को होगी। इसके अलावा चामुंडा देवी मंदिर में रविवार को पांच हजार श्रद्धालुओं ने माता के चरणों में शीश नवाया।

संतान प्राप्ति के वरदान को सिमसा मंदिर पहुंची महिलाएं

लडभड़ोल। चैत्र नवरात्र के पहले दिन क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली। संत्तान दात्री माता सिमसा के नाम से प्रसिद्ध क्षेत्र के सिमसा माता मंदिर में शरद नवरात्र के प्रथम दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने माता के चरणों में शीश नवाया और आशीर्वाद लिया। 

मंदिर में सुबह से भक्तों की आवाजाही लगी रही। बता दें कि माता सिमसा संत्तान दात्री के नाम से प्रसिद्ध है। प्रदेश ही नहीं देश के अन्य कई राज्यों सहित विदेशों में भी मां की महिमा और चमत्कार विख्यात है। शरद और चैत्र नवरात्र के दौरान दूर-दूर से निसंतान दंपतियां संत्तान प्राप्ति के लिए माता के चरणों में शीश नवाने आते हैं और मान्यता के अनुसार महिलाएं माता की भक्ति में लीन होती हैं। माता के चरणों में सोई हुई महिलाओं को माता सिमसा स्वपन में संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं।

No comments