जब कुरुक्षेत्र की रणभूमि पर अर्जुन का मन युद्ध करने से डगमगाने लगा, तो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपने ब्रह्म स्वरूप का दर्शन कराने के साथ गीता का उपदेश सुनाया, जिसके बाद ही अर्जुन को जीवन का उद्देश्य समझ में आया और युद्ध के लिए तैयार हुए. गीता का उपदेश हमारे मन में चल रही उथल-पुथल की स्थिति को संतुलित करने का काम करता है. ऐसे में अगर जीवन की कठिन परिस्थितियों में कुछ समझ न आए और आगे का रास्ता कठिन नजर आने लगे, तो गीता में बताए इन उपदेशों को जरूर याद रखें.
- गीता उपदेश में बताया गया है कि इस दुनिया इंसान जो बनना चाहता है, वह बन सकता है, बस उसे वहां तक पहुंचने और उस काम को करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए.
- श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है कि अगर स्थिति में आपके हक में नहीं हो तो, खुद पर भरोसा रखना चाहिए. आपकी जिंदगी में कुछ बेहतरीन होगा.
- इंसान को अपने जीवन में इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि जो हुआ है, अच्छा ही हुआ है, जो हो रहा है वह अच्छा ही है और आगे जो होगा अच्छा ही होगा. इंसान को सिर्फ वर्तमान स्थिति पर ध्यान देना चाहिए. व्यर्थ भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए.
Gita updesh: जब कुछ न समझ आए, तो याद रखें गीता के ये उपदेश, जिंदगी में छाई नकारात्मकता होगी दूर 6- इंसान को अपनी आलोचनाओं से घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि अगर आप एक बार लक्ष्य तक पहुंच गए, तो आलोचना करने वाले आपकी तारीफ करने में सबसे आगे रहेंगे.
- दुख, जिंदगी का एक अहम हिस्सा है. ऐसे में अगर आज आप किसी तरह के कष्ट और दुख से पीड़ित हैं, तो याद रखें एक दिन आपके जीवन में सुख-समृद्धि भी आएगी. ऐसे में व्यक्ति को केवल निरंतर कोशिश करने की जरूरत रहेगी.
- इंसान को खुद से ज्यादा कोई नहीं समझता है. ऐसे में व्यक्ति को अपने अच्छाइयों और कमियों को समझ कर उसमें सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए, जो व्यक्ति अपनी कमियों और अच्छाइयों को समझ लेता है, तो वह अपनी जिंदगी में सफलता के हर मुकाम तक पहुंच सकता है.
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