HP BPL News: प्रदेश में बीपीएल चयन के लिए नए मानदंड, इन परिवारों को नहीं किया जाएगा शामिल

ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदेश में बीपीएल परिवारों के चयन के लिए मानदंड तय किए गए हैं। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने इस बारे में अदेश जारी किए हैं। बीपीएल सूची में शामिल करने के लिए परिवारों की पहचान के लिए तय किए गए मानदंडों में ऐसे परिवार, जिनमें 18 वर्ष से कम आयु के अनाथ बच्चे ही सदस्य हैं। ऐसे परिवार जिनमें केवल 59 वर्ष की आयु से अधिक के वृद्धजन ही सदस्य हैं और 18-59 वर्ष की आयु का कोई भी वयस्क सदस्य नहीं है।
ऐसे परिवार, जिनमें महिला मुखिया हो और जिसमें 18 वर्ष से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई वयस्क पुरुष सदस्य न हो, जिसमें विधवा /अविवाहित / तलाकशुदा / परित्यक्त महिलाएं शामिल होंगी। ऐसे परिवार जिनके मुखिया में 50 प्रतिशत से अधिक विकलांगता हों।
ऐसे परिवार जिनके सभी वयस्क सदस्यों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम किया हो। इसके अलावा ऐसे परिवार, जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, नस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीडि़त हैं, जिसके कारण वे स्थायी रूप से अक्षम हो गए हैं।
इन मानदंडों में से किसी एक या अधिक को पूरा करते हैं, ऐसे परिवारों को बीपीएल की सूची में शामिल किया जाएगा। प्रत्येक परिवार के मुखिया से सादे कागज पर शपथ एवं घोषणा-पत्र प्राप्त किया जाएगा। परिवारों द्वारा की जाने वाली सभी शपथ एवं घोषणाओं में सहायक साक्ष्य शामिल होने चाहिए, जिसमें परिवार रजिस्टर की प्रति, बीमारी के लिए चिकित्सा प्रमाणपत्र, विकलांगता प्रमाणपत्र एवं आय का प्रमाण पत्र शामिल है।
यदि बीपीएल परिवार का कोई सदस्य ग्राम पंचायत में अपना नाम अलग परिवार के रूप में दर्ज कराने के लिए आवेदन करता है, तो ऐसे नए परिवार को अगले तीन वर्षों तक बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। यह प्रतिबंध विधवा/ परित्यक्त/ अकेली/तलाकशुदा महिलाओं पर लागू नहीं होगा। खंड स्तरीय समिति के निर्णय के विरुद्ध अपील निर्णय के 30 दिनों के भीतर संबंधित उपायुक्त के पास होगी। बीपीएल परिवारों की सूची में समावेशन हेतु निर्णय ग्राम सभा में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत द्वारा लिया जाएगा।
ये परिवार नहीं होंगे बीपीएल में
ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए पक्का मकान है जिनका कोई भी सदस्य आयकर देता हो जिनकी समस्त स्रोतों से अर्जित वार्षिक आय 50 हजार रुपए से अधिक हो जिनके पास एक हेक्टेयर से अधिक भूमि हो जिनका कोई भी सदस्य सरकारी/अर्धसरकारी या निजी नौकरी में है, ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
बीपीएल के लिए यह प्रक्रिया
बीपीएल सूचियों की समीक्षा प्रत्येक वर्ष अप्रैल में निर्धारित ग्राम सभा बैठक में की जाएगी। बीपीएल सूची में शामिल होने के इच्छुक कोई भी परिवार प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक लिखित रूप में उपरोक्त आवश्यक घोषणा के साथ ग्राम पंचायत को आवेदन कर सकते हैं।
संबंधित पंचायत सचिव स्वप्रेरणा से उन परिवारों की पहचान करेगा, जो बीपीएल के लिए प्रथम दृष्टया शामिल किए जाने के मानदंडों को पूरा करते हैं और उनसे उपर्युक्त प्रासंगिक शपथ एवं घोषणापत्र प्राप्त करेगा। संबंधित पंचायत सचिव द्वारा उपर्युक्त उल्लेखित शपथ एवं घोषणापत्र बीपीएल सूची में पहले से मौजूद परिवारों से भी लिया जाएगा।
हर वर्ष 15 जनवरी तक उपमंडल अधिकारी (नागरिक) प्रत्येक पंचायत के संबंध में पंचायत सचिव, पटवारी व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की तीन सदस्य सत्यापन समिति का गठन करेंगे। खंड विकास अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि समितियों की अधिसूचना उपमंडल अधिकारी के कार्यालय से उनके विकास खंड के तहत ग्राम पंचायतों के संबंध में तय समय सीमा के भीतर जारी की जाए।
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