HP News: नहीं बिक रहे शराब के ठेके, कैसे पूरा होगा टारगेट, अभी लक्ष्य से दूर है आबकारी विभाग

हिमाचल प्रदेश का आबकारी महकमा फिलहाल अपने टारगेट से काफी दूर है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के तहत अब तक राज्य कर एवं आबकारी महकमा सभी जिलों में शराब ठेकों की नीलामी का काम पूरा नहीं कर पाया है। बताया जा रहा है कि रविवार के दिन भी शिमला और कांगड़ा जिले में शराब ठेकों की नीलामी का दौर जारी रहा, लेकिन फिर भी कई शराब ठेकों को नीलाम नहीं किया जा सका है।
इसके साथ अभी मंडी और कुल्लू जिला में भी शराब ठेकों की नीलामी सभी क्षेत्रों में पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने सरकार के सामने जो टारगेट रखा था, वह फिलहाल पूरा नहीं हुआ है, जिसके लिए विभाग को और मशक्कत करनी पड़ेगी।
जानकारी के अनुसार इस साल की आबकारी नीति के तहत सरकार ने 200 से 250 करोड़ रुपए तक का इजाफा करने का टारगेट दिया है। पिछले साल 2600 करोड़ के आसपास का राजस्व जुटाने का दावा किया जा रहा है, जिसके बाद सरकार ने नई नीति के तहत आबकारी विभाग में को 2850 करोड़ रुपए तक राजस्व जुटाने का लक्ष्य दिया है, मगर अभी तक यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है।
कई स्थानों पर जिस तरह की उम्मीद थी कि वहां शराब ठेकों की नीलामी ज्यादा रेट में हो जाएगी, लेकिन वहां वैसा नहीं हो पाया, जिससे भी विभाग को झटका लगा है। वहीं, चार जिलों से अभी नीलामी का दौर जारी है, जो की सबसे बड़े इलाके हैं। इनमें शिमला जिला में अब तक शराब ठेकों की नीलामी का दौर पूरा नहीं हो पाया है, जहां पर रविवार को भी एक बार छुट्टी के दिन ऑक्शन रखी गई थी और शराब ठेकों की नीलामी के लिए प्रक्रिया जारी रही। वहीं, कांगड़ा जिला में भी शराब ठेकों के लिए नीलामी का दौर चल रहा है।
इसके अलावा मंडी और कल्लू के कुछ क्षेत्रों में अब तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है, क्योंकि महंगे ठेके लेने के लिए शराब ठेकेदार तैयार नहीं हो रहे हैं। शराब ठेकेदारों की मानें, तो उनका कहना है कि सरकार हर साल नीलामी की राशि काफी ज्यादा रख रही है, जो कि वह नहीं दे पा रहे हैं। उनका तर्क यह है कि यहां शराब के दाम भी सरकार बढ़ाना नहीं चाहती। ऐसे में ठेकेदारों को बड़ा नुकसान हो रहा है।
ठेकेदारों की मांग, शराब के रेट बढ़ाए सरकार, तभी पूरा होगा लक्ष्य
इस बार सरकार ने जो शराब नीति बनाई है, उसके मुताबिक फिलहाल आबकारी विभाग ने देशी शराब की रेट लिस्ट जारी की है और इसमें मात्र पांच से 10 रुपए प्रति बोतल का इजाफा किया गया है, जिसे शराब ठेकेदार नाकाफी मानते हैं। अभी अंग्रेजी शराब का दाम क्या होगा, यह अभी साफ नहीं हो पाया है। आबकारी नीति के तहत जिस तरह सुक्खू सरकार ने पिछले दो सालों में कुछ बदलाव करके अच्छा खासा राजस्व कूटा है, वह इस बार हासिल करना काफी ज्यादा मुश्किल है।
इसके लिए सरकार को यहां शराब के दामों में और बढ़ोतरी करनी पड़ेगी, ऐसा शराब ठेकेदारों का मानना है। आबकारी विभाग ने रविवार और सोमवार को भी अपने फील्ड कार्यालय को खुला रखने के लिए निर्देश दिए हैं। साथ ही डिस्टलरी से रिटेल शॉप और गोदाम तक शराब ले जाने की भी इजाजत दे रखी है।
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