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क्या प्रयागराज में महाकुंभ खत्म होते ही गंगा नदी से निकल आए लाखों कछुए? वायरल Video की पूरी सच्चाई जानिए...

   


Mahakumbh News: महाशिवरात्रि के शाही स्नान के साथ 26 फरवरी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का समापन हो गया. इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में हजारों कछुए नदी किनारे दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को कई लोग प्रयागराज से जोड़कर यह दावा कर रहे हैं कि महाकुंभ समाप्त होते ही गंगा नदी के किनारे लाखों कछुए जमा हो गए. इस खबर में आप विस्तार से जानिए आखिर क्या है हकीकत? 

वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को कहते हुए सुना जा सकता है, "कुंभ मेला खत्म होने के बाद गंगा नदी के किनारे लाखों की संख्या में कछुए नजर आए. स्नान समाप्त होते ही ये कछुए बाहर आ गए. इतने अधिक कछुए थे कि वहां खड़े होने की भी जगह नहीं थी. यह दृश्य देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई."

यह वीडियो कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से फैल रहा है. कुछ लोग इसे प्रयागराज का बता रहे हैं, तो कुछ इसे बिहार की घटना के रूप में साझा कर रहे हैं. 

क्या सच में प्रयागराज से जुड़ा है यह वीडियो?

इस वीडियो के जब मुख्य फ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया गया, तो सच्चाई सामने आई. बता दें कि यह वीडियो प्रयागराज का नहीं, बल्कि ओडिशा का है. ओडिशा के गंजम जिले में स्थित रुशिकुल्या नदी के मुहाने पर हर साल लाखों कछुए अंडे देने के लिए इकट्ठा होते हैं.

एक फेसबुक अकाउंट 'MH ONE न्यूज' ने 23 फरवरी को यही वीडियो पोस्ट किया था और इसे ओडिशा का बताया था. इसके अलावा, इंस्टाग्राम पर भी 23 फरवरी को शेयर की गई एक रील में स्पष्ट रूप से बताया गया कि ओडिशा के गंजम जिले में करीब 7 लाख 'ऑलिव रिडले' प्रजाति के कछुए अंडे देने के लिए पहुंचे थे.

क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?

इस वीडियो की सच्चाई की पुष्टि करने के लिए जब अन्य समाचार रिपोर्ट्स खंगाली गईं, तो पता चला कि 'द प्रिंट' ने भी इस घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी. रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में ओडिशा के गंजम जिले के रुशिकुल्या मुहाने (Rusikulya estuary beach) पर 6.82 लाख से अधिक ऑलिव रिडले कछुए अंडे देने पहुंचे थे.

पिछले वर्षों में भी इस स्थान पर इसी तरह बड़ी संख्या में कछुए आते रहे हैं:

  • 2024 – 6.82 लाख कछुए
  • 2023 – 6.37 लाख कछुए
  • 2022 – 5.50 लाख कछुए

इस साल 16 से 25 फरवरी के बीच इन कछुओं ने अंडे दिए. ओडिशा सरकार ने इनके संरक्षण के लिए विशेष इंतजाम भी किए थे ताकि इन्हें कोई नुकसान न पहुंचे.

कैसे हुआ खुलासा?

वायरल वीडियो में एक बैनर भी नजर आ रहा है, जिस पर 'Government of Odisha' और 'Olive Ridley Sea Turtle Protection Camp, Podampeta' लिखा हुआ है. पोडमपेटा, ओडिशा के गंजम जिले का एक क्षेत्र है, जहां हर साल बड़ी संख्या में कछुए आते हैं.

इस पड़ताल से साफ है कि यह वीडियो प्रयागराज का नहीं, बल्कि ओडिशा का है. इसे गलत दावों के साथ महाकुंभ से जोड़कर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है. हर साल रुशिकुल्या नदी के किनारे लाखों की संख्या में ऑलिव रिडले कछुए अंडे देने के लिए आते हैं. यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसका प्रयागराज के महाकुंभ से कोई लेना-देना नहीं है.

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