हरियाणा में पकड़े गए 15 पाकिस्तानी, 2024 में वीजा लगाकर आई थी फैमिली; हाथ जोड़कर बोले- मत भेजो वो प्रताड़ित करेंगे

हिसार। सात माह पहले सार्क वीजा समाप्त होने के बाद भी एक पाकिस्तानी हिंदू परिवार बालसमंद गांव में रह रहा था। यह परिवार मुखिया सोबो और उनकी पत्नी रुकमान के साथ पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद से जून 2024 में 45 दिन के लिए टूरिस्ट वीजा पर दिल्ली आया था और वहां से एक परिचित की मदद से बालसमंद पहुंचा था।
यह परिवार बालसमंद में एक परिचित की जमीन पर निजी अस्पताल के कमरे में रह रहा था और मजदूरी करके गुजरा कर रहा था। परिवार में कुल 15 सदस्य हैं जिनमें तीन लड़कियां, तीन महिलाएं, एक बुजुर्ग व दो किशोर सहित आठ बच्चे शामिल हैं। इनका 45 दिन का टूरिस्ट वीजा 25 अगस्त, 2024 को ही समाप्त हो चुका है।
पाकिस्तान के सोबो का पहचान पत्र।
दिल्ली के पाकिस्तानी कैंप में भेजा परिवार
वीजा खत्म होने के बाद इस परिवार को दिल्ली के पाकिस्तानी कैंप में भेज दिया गया। यह कार्रवाई आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के लोगों को देश छोड़कर जाने के आदेश के बाद हुई है। वहीं उक्त हिन्दू पाकिस्तानी परिवार ने भारत में ही रहने देने की गुहार लगाई है। परिवार का कहना था कि उन्हे पाकिस्तान में प्रताड़ित किया जाता था इसलिए वे वहां नहीं जाना चाहते।
बालसमंद में रह रहा था यह पाकिस्तानी परिवार। विज्ञप्ति।
पुलिस के अनुसार सोबो और रुकमान का परिवार 45 दिन के टूरिस्ट वीजा पर दिल्ली घूमने आया था। वहां से सात माह पूर्व बालसमंद में एक परिचित की जमीन पर बने निजी अस्पताल के कमरे में रहने लगा था। वीजा खत्म होने के बाद इस परिवार पर हिसार सदर थाना पुलिस की कड़ी नजर थी। वह इनके संपर्क में थी। सोबो और उसके परिवार ने लांग टर्म वीजा से भारत में रहने के लिए अप्लाई किया हुआ है।
यह परिवार पाकिस्तान जाना नहीं चाहता था। उनका कहना था कि वे लोग यहीं रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें वहां बहुत प्रताड़ित किया जाता है। पुलिस ने परिवार के दस्तावेज चेक कर प्रशासन के आदेशों पर इन्हें बस से दिल्ली कैंप के लिए रवाना किया।
परिवार का मुिखया हाथ जोड़ कर वापस नहीं भेजने की अपील करते हुए। (जागरण फोटो)
एक सप्ताह के लिए हिसार आया था परिवार
दिल्ली में टूरिस्ट वीजा पर आने के बाद परिचित से परिवार ने बातचीत की। कुछ परिचित राजस्थान और दिल्ली में रह रहे थे। परिचित शमशेर ने उनकी मदद की और बालसमंद में रहने को कहा। परिवार ने उसी समय बालसमंद में रहने की बात स्वीकार ली और एक सप्ताह की इजाजत लेकर बालसमंद आ गया। वह यहां आकर रहने लगे और परिचित की जमीन संभालने लगे। आदेश मिलने के बाद पाकिस्तान से आए परिवार को बालसमंद से दिल्ली भेज दिया गया था।
- ईश्वर, सदर थाना प्रभारी, हिसार
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