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पहलगाम हमले में लोगों की ढाल बना कश्मीरी सैयद हुसैन, जान देकर बहादुरी का रचा इतिहास

 


Pahalgam Terror Attack: पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ, जिसमें कुल 28 लोगों की जान गई. मृतकों में सबसे ज्यादा पहलगाम घूमने आए टूरिस्ट थे. आतंकियों ने हमले में हिंदूओं को शिकार बनाया, हालांकि एक मुस्लिम निवासी सैयद आदिल हुसैन शाह की पहचान हुई है.

वह जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के निवासी थे. उनकी मृत्यु से परिवार गम में डूबा हुआ है, वह सरकार से न्याय मांग रहे हैं. सैयद परिजन बेटे की मौत से घर में मातम पसरा हुआ है. आतंकी ने उन्हें गोली मारी थी, जिससे वह मारे गए.

आतंकवादी वहां पर मौजूद पर्यटकों ने उनका धर्म पूछकर मार रहे थे. सैयद की मौत बताती है कि आंतकियों का कोई मजहब नहीं होता. वह सिर्फ लोगों को मारकर अपना खौफ फैलाया चाहते हैं.

कौन थे सैयद हुसैन? सैयद आदिल हुसैन शाह का परिवार अनंतनाग में रहता है.

वह काम के लिए पहलगाम में घुड़सवारी का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे. उनकी मां ने ANI से बात करते हुए कहा, वह परिवार के लिए सब कुछ थे, अब हम बिल्कुल अकेले हो गए हैं. इस हमले में आतंकियों ने पुरुषों को निशाना बनाया. सैयद आदिल जैसे स्थानीय मुस्लिम भी उनकी हिंसा से नहीं बच पाए.

आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और यह निर्दोष लोगों को ही सबसे ज्यादा निशाना बनाते हैं. सैयद की कहानी उन कई निर्दोष लोगों के दर्द को दिखाती है जो आतंकवाद के शिकार बनते हैं. यह घटना पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि आतंकवाद किसी को भी नहीं बख्शता.

आतंकियों का किया मुकाबला

सैयद के एक दोस्त ने बताया कि वह अपनी जान बचा सकता था.

भाग सकता था, लेकिन उसने भागने की जगह आतंकियों का डटकर मुकाबला किया. उसकी बहादुरी और बलिदान की वजह से कई लोगों की जान बच पाई. अगर वह ऐसा न करता तो शायद आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या और ज्यादा होती. बता दें कि यह घटना पूरे देश में शोक और आक्रोश का कारण बनी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया है. पूरे कश्मीर में सुरक्षा को लेकर चेतावनी जारी की गई है. ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है. वहीं पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच में जुट गई है.

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