अगरबत्ती जलाना क्यों है अशुभ, जानिए क्या कहते हैं शास्त्र?

अगर आप भी भगवान की पूजा में अगरबत्ती का प्रयोग करते हैं तो सावधान हो जाएं। अगरबत्ती जलाना शास्त्रों में वर्जित बताया गया है। दरअसल अगरबत्ती को बनाने में बांस की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है।
हिंदू धर्म में बांस को पवित्र माना गया है। बांस का उपयोग मृत्यु के बाद अर्थी में भी होता है, लेकिन उसे जलाया नहीं जाता है।
सामान्य तौर पर भगवान की पूजा में धूप का प्रयोग करना कई पुराणों में लिखा गया है, लेकिन लोगों ने मॉडर्न जमाने ने अगरबत्ती जलाना शुरू कर दिया, जो कि पूजा में वर्जित है। बिना बांस की लकड़ी की अगरबत्ती को प्रयोग तो आप पूजा में कर सकते हैं, लेकिन बांस से बनी अगरबत्ती का प्रयोग करने से आपको काफी सारे नुकसानों का भी सामना करना पड़ सकता है।
पुराणों में लिखी है ये बात
वायु पुराण के अध्याय 67 के अनुसार यज्ञ आदि कर्मों में वेद यानी बांस को नहीं जलाना चाहिए। यदि कोई बांस जलाता है तो वह राक्षस के कर्मों के अंतर्गत आता है। इससे अशुभ फल मिलता है। इसके साथ ही गरुड़ पुराण में भी बांस को जलाना वर्जित बताया गया है।
भाग्य का नहीं मिलता है साथ
शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति बांस को जलाना है, उसका भाग्य मिट जाता है। ऐसे व्यक्ति का भाग्य कभी उसका साथ नहीं देता है।
वंश का होता है नाश
बांस को वंश से रिलेट किया जाता है। बांस को जलाने से वंश का नाश हो जाता है। मंडप में भी बांस का प्रयोग किया जाता है। इस कारण कभी भी बांस को नहीं जलाना चाहिए।
आती है गरीबी और कंगाली!
बांस को सुख व समृद्धि का प्रतीक माना गया है, ऐसे में बांस से बनी अगरबत्ती जलाने से दरिद्रता, दुख और गरीबी का आगमन घर में होता है।
देवी-देवताओं का होता है अपमान
देवी भागवत पुराण के अनुसार, पूजा में बांस जलाना देवताओं का अपमान माना जाता है। बांस जलाने से वातावरण भी प्रदूषित होता है।
ये हैं वैज्ञानिक कारण
बांस जलाने से जो धुआं उत्पन्न होता है, उसमें कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसों की मात्रा अधिक होती है, इससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण बांस को नहीं जलाना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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