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कुत्तों से कटवाया, बिजली के झटके और जबरन सेक्स; इजरायली कैद में फिलिस्तीनियों पर जुल्म की हदें पार

 

कुत्तों से कटवाया, बिजली के झटके और जबरन सेक्स; इजरायली कैद में फिलिस्तीनियों पर जुल्म की हदें पार


गाजा पट्टी से लौटे फिलिस्तीनी नागरिकों की आंखों में आजादी की चमक तो है, लेकिन ज़ुल्म की परछाइयां गहरी हैं। इजरायली कैद से रिहा हुए इन लोगों ने जो कहा, वो सुनकर किसी की भी रूह कांप उठेगी। 

इन्होंने बताया कि किसी को कपड़े उतारकर करंट दिए गए, भूखा-प्यासा रखकर कुत्तों से कटवाया गया, किसी को यौन हिंसा और अमानवीय यातनाओं का शिकार बनना पड़ा। ये वही लोग हैं जिन्हें अक्टूबर 7 के बाद गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इजरायल के पास उनके खिलाफ न कोई ठोस सबूत था और न ही कोई चार्जशीट। अब जब ये जिंदा वापस लौटे हैं, तो दुनिया के सामने इजरायली क्रूरता की सच्चाई सामने आ रही है।

आग और हथियारों से प्रताड़ना

गाजा से इजरायली सेना द्वारा गिरफ्तार किए गए और हाल ही में संघर्षविराम सौदे के तहत रिहा किए गए फिलिस्तीनी बंदियों ने इजरायली क्रूरता बयां की है। 36 वर्षीय मिस्त्री मोहम्मद अबू ताविलेह ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि उन्हें तीन दिन तक एक कमरे में बंद करके रासायनिक पदार्थों से जलाया गया। उनके अनुसार, सैनिकों ने पहले सिर को केमिकल में डुबोया, फिर उनके शरीर पर एयर फ्रेशनर छिड़ककर आग लगा दी। उन्होंने कहा, "मैं जानवर की तरह तड़प रहा था, मेरी गर्दन से लेकर पैर तक आग फैल गई थी।"

उन्होंने आगे बताया कि सैनिकों ने उन्हें बंदूक की बट और डंडों से पीटा और शरीर पर तेजाब डाला। इलाज के लिए उन्हें इज़रायल के एक सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां वे बिना कपड़ों के हथकड़ी से बांधकर एक बिस्तर पर रखे गए और शौच के लिए डायपर दी गई।

यौन उत्पीड़न और हत्या के भी आरोप

अन्य बंदियों ने बताया कि उन्हें बिजली के झटके दिए गए, भूखा-प्यासा रखा गया, कुत्तों से कटाया गया और घंटों तक यातनापूर्ण पोजीशन में बैठने के लिए मजबूर किया गया। 44 वर्षीय हमद अल-दहदोह ने बताया कि पीटने के दौरान उनकी पसलियां टूट गईं और कान व रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा। एक बंदी ने बताया कि उसने हिरासत में यौन हिंसा होते देखी। कुछ ने यह भी कहा कि उन्होंने अन्य बंदियों की मौत होते देखी।

आरोपों पर इजरायली सेना

इजरायल डिफेंस फोर्स ने कहा कि वह किसी भी प्रकार के "व्यवस्थित दुरुपयोग" को खारिज करता है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों की जांच की जाएगी, लेकिन अधिकांश आरोपों में पहचान या पर्याप्त विवरण नहीं हैं। इजरायली जेल प्रशासन ने भी कहा कि उन्हें इन आरोपों की कोई जानकारी नहीं है।

बता दें कि यह सब उस समय सामने आ रहा है जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर हमला किए जाने और 1200 लोगों की हत्या के बाद, वेस्ट बैंक और गाजा में इजरायली ऑपरेशन तेज हो गए हैं। इसके बाद 50 हजार से अधिक फिलिस्तीनियों की जान ले ली गई औऱ बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया, इनमें से कई को बिना किसी आरोप के महीनों तक हिरासत में रखने का भी आरोप है।

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