पहलगाम में इस हनीमून कपल पर हुई भगवान शिव की कृपा! हमले से पहले अंदर से आई आवाज- चलो मंदिर चलते हैं और फिर...

किसको पता था कि ये सफर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी थे जिनपर किस्मत मेहरबान हुई और वो चाहकर भी पहलगाम की बैसरन घाटी नहीं पहुंच सके, जहां ये नरसंहार हुआ।
नदिया जिले के सुदीप्तो दास और उनकी पत्नी की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिसके बारे में सुनकर आप भी कहेंगे- 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय।' जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ तो ये हनीमून कपल वहां से सिर्फ 1 किलोमीटर दूर थे। ये दोनों भी पहलगाम जाने वाले थे, लेकिन पत्नी का मन बदला और दोनों एक मंदिर चले गए।
हनीमून कपल पर हुई शिव की कृपा!
सुदीप्ता दास और उनकी पत्नी का कहना है कि शिव मंदिर के कारण उन्हें नई जिंदगी मिली है। सुदीप्ता ने बताया, ''हम भी बैसरन घाटी जाने वाले थे, लेकिन अचानक मेरी पत्नी की इच्छा हुई कि पहले शिव मंदिर चलते हैं। जैसे ही हम मंदिर से बाहर निकले, ड्राइवर ने कहा कि यहां से एक किलोमीटर दूर फायरिंग शुरू हो गई है। अगर हम मंदिर नहीं गए होते तो हमारी मौत हो गई होती। ये भगवान शिव की कृपा है कि हम जिंदा हैं।''
नमक ने बचाई 11 लोगों की जान!
सुदीप्ता दास और उनकी पत्नी अपनी जिंदगी का श्रेय भगवान शिव को दे रहे हैं। वहीं एक परिवार ऐसा भी था, जिसपर एक चुटकी नमक ने एहसान कर दिया। जी हां, केरल का एक 11 सदस्यों का परिवार भी पहलगाम घूमने जा रहा था। सभी एक ढाबे पर रुके और मटन रोगन जोश ऑर्डर किए। ढाबे के स्टाफ ने इस डिश में ज्यादा नमक डाल दिया। शिकायत के बाद ढाबे के स्टाफ दोबारा से ये ऑर्डर बनाने लगे और इसी वजह से 11 सदस्यों के परिवार को देरी हो गई। कहते हैं 'दुर्घटना से देर भली।' शुक्र है कि ये लोग उस ढाबे पर रुके रहे और इनकी जान बच गई।
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