गांधी की परपोती नीलमबेन परीख का निधन, जानें अंतिम संस्कार से जुड़ी हर डिटेल

नीलमबेन पारीख महात्मा गांधी के बेटे हरिदास गांधी की पोती थीं जो नवलारी जिले में अपने परिवार के साथ रहती थीं। उनके निधन से गांधी परिवार को तगड़ा आघात पहुंचा है और देश को आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी के परिवार की एक पीढ़ी और खत्म हो गई। आइए जान लेते हैं कि कब और कहां होगा नीलमबेन पारीख का अंतिम संस्कार?
महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलीं नीलमबेन
जिस तरह महात्मा गांधी उसूलों के पक्के थे और हमेशा सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चले उसी तरह नीलमबेन ने भी अपना जीवन बिताया। वो अक्सर महिला कल्याण और मानव सेवा में लगी रहती थीं। उन्होंने अपना जीवन गांधीवादी सिद्धांतों का पालन करते हुए बिताया। हमेशा अपने समाज और अपने देश की भलाई और उनकी उन्नति के लिए काम किया।
कब और कहां होगा अंतिम संस्कार
नीलमबेन पारीख की अंतिम यात्रा आज यानी 2 अप्रैल दिन बुधवार सुबह 8 बजे उनके घर से शुरू होगी। उनके दर्शन के लिए लोग आएंगे और ऐसी महान आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद नीलमबेन पारीख का अंतिम संस्कार वीरवाल श्मशान घाट पर पूरे विधि- विधान से किया जाएगा।
महात्मा गांधी की बची हुई अस्थियों का विसर्जन नीलमबेन ने ही किया था
30 जनवरी 2008 यानी महात्मा गांधी की 60 वीं पुण्यतिथि पर नीलमबेन पारीख ने ही उनकी बची हुई अस्थियों का विसर्जन किया था। उन्होंने बापू की बची हुई अस्थियों का विसर्जन मुंबई के पास अरब सागर में किया था। इस दौरान उनके साथ गांधी जी के अनुयायी और उनका पूरा परिवार था। नीलमबेन पारीख के निधन से पूरा परिवार सदमे में है।
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