मेरे बच्चों को दिल की...; मुझे इलाज के लिए भारत में रहने दिया जाए, पाकिस्तानी पिता की गुहार

एक पाकिस्तानी पिता के लिए पहलगाम हमले के बाद परिस्थितियां काफी जटिल हो गई है। वह दिल्ली में अपने दो बच्चों का इलाज करा रहा था। उसने भारत सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे बच्चों को दिल की बीमारी है।
मुझे अपने बच्चों के इलाज के लिए यहां रहने दिया जाए। मेरे बच्चों का अगले हफ्ते ऑपरेशन होना है।
अपने दो बच्चों के इलाज के लिए सिंध प्रांत के हैदराबाद से भारत आया यह परिवार उन लोगों में शामिल है, जो पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सार्क वीजा को रद्द किए जाने से प्रभावित हुए हैं। जियो न्यूज से फोन पर बात करते हुए दो बच्चों के पाकिस्तानी पिता ने बताया कि उनके 9 और 7 साल के बच्चे जन्मजात दिल की बीमारी से पीड़ित हैं।
उन्होंने बताया कि उनके बच्चों को दिल की बीमारी है। उनका इलाज दिल्ली में चल रहा था। लेकिन, पहलगाम की घटना के बाद उन्हें तुरंत पाकिस्तान लौटने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि उनके बच्चों की सर्जरी अगले सप्ताह होनी है।
पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अस्पताल और डॉक्टर परिवार के साथ सहयोग कर रहे हैं, लेकिन पुलिस और विदेश मंत्रालय ने उन्हें तुरंत दिल्ली छोड़ने को कहा है। रिपोर्ट में उस व्यक्ति के हवाले से कहा गया है, "मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि मेरे बच्चों का इलाज पूरा करने की अनुमति दी जाए। हमने अपनी यात्रा, ठहरने और उनके इलाज पर लगभग 10 मिलियन (एक करोड़) रुपये खर्च किए हैं।"
इस बीच, पीटीआई ने लाहौर में अज्ञात अधिकारियों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान से 100 से अधिक भारतीय नागरिक गुरुवार को भारत लौट आए। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया कि करीब 105 भारतीय नागरिक पाकिस्तान छोड़कर अपने वतन लौट आए और भारत में रह रहे 28 पाकिस्तानी गुरुवार को वापस लौट आए। शुक्रवार को लाहौर के पास वाघा सीमा के जरिए भारतीय नागरिक अपने वतन लौट आए, जबकि कई पाकिस्तानी भी भारत से वापस लौटे।
अटारी-वाघा क्रॉसिंग भारत के अमृतसर को पाकिस्तान के लाहौर से जोड़ती है। सीमा पर मौजूद लोगों में बलूचिस्तान से आया सात सदस्यीय पाकिस्तानी हिंदू परिवार भी शामिल था, जो भारत में एक शादी में शामिल होने आया था। वाघा पहुंचने के बाद अक्षय कुमार ने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें बताया कि भारत सरकार ने उनका वीजा रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा, "हमें इस बारे में जानकारी नहीं थी, क्योंकि हम बलूचिस्तान से लाहौर की यात्रा कर रहे थे।"
बता दें कि आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर पहलगाम में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए। इनमें से अधिकांश पर्यटक थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था। प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
इसके जवाब में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बुधवार को नई दिल्ली में बैठक हुई और अन्य निर्णयों के साथ-साथ अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल बंद करने का आदेश दिया गया।
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