महिला ने लगवाई सुअर की किडनी, चार महीने बाद ही निकलवानी पड़ी; जानें वजह

ऐसे में कुछ दिन बाद ही उसे फिर से डायलिसिस का सहारा लेना पपड़ा।
53 साल की तोवाना लूनी ने 130 दिन सुअर की किडनी के भरोसे बिताए। कई अन्य मामलों में भी मरीज को जेनेटिकली मोडिफाइड सुअर की किडनी लगाई गई है। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि यह जेनोट्रांसप्लांटेशन लगभग सफल रहा है। भविष्य में जेनेटिकली मोडिफाइड किडनी लगाकर इंसान को लंबा जीवन भी दिया जा सकता है। अस्पताल के सर्जन ने कहा कि अब तक जितने भी इस तरह के मामले हैं उनमें यह सबसे ज्यादा दिन तक सुअर की किडनी के सहारे जीवित रहने वाला केस है।
बता दें कि अंगों की कमी और किडनी फेल्योर का सामना कर रहे मरीजों के लिए भविषय में यह वरदान साबित हो सकता है। सुअर की किडनी के लिए मरीजों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा परिवार के शख्स को किडनी भी नहीं डोनेट करनी होगी। हाल ही में एक 66 साल के शख्स की किडनी प्रत्यारोपित की गई थी। मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में शख्स को सुअर की किडनी लगाई गई थी। एक सप्ताह बाद ही अस्पताल ने उसे डिसचार्ज कर दिया।
अमेरिका में अब तक पांच लोगों को सुअर की किडनी लगाई गई है। हालांकि यूएस फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी के तहत एक ही केस है। पहले दो प्रत्यारोपण में मरीजों की मौत हो गई थी। अमेरिका में अंग प्रत्यारोपण के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट है। इनमें से ज्यादातर किडनी फेल्योर के ही मरीज हैं। अंगों की कमी दूर करने के लिए ही सुअर की जीन में बदलाव करके किडनी प्रत्यारोपण पर शोध किया जा रहा है।
Copyright 2024 All Rights Reseved by Himachal Fast News
No comments