"भारतीय Dolo 650 को चॉकलेट समझकर खा रहे हैं" इस अमेरिकी डॉक्टर ने चेताया

ऐसा करने वालों के लिए डॉक्टरों का एक ही मैसेज है- बिना सोचे समझे पैरासिटामोल ना लें, ये खतरनाक हो सकता है.
इस मामले को लेकर अमेरिका के एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ पलानीअप्पन मणिकम ने एक्स पर एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,
भारत के लोग डोलो 650 को कैडबरी चॉकलेट की तरह (बिना सोच समझे, अधिक मात्रा में) खाते हैं.
उनके पोस्ट पर बहस शुरू हो गई है. क्योंकि अन्य दवाओं की तुलना में भारत में पैरासिटामोल को लेकर कम सावधानी देखी गई है. कुछ लोग तो इस दवा को लेने से पहले खुराक के बारे में भी डॉक्टर से पूछना जरूरी नहीं समझते. जबकि जरूरत से ज्यादा पैरामिटामोल या डोलो 650 लेने से लीवर और किडनी जैसे अंगों पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है.
यदि आपका लीवर और किडनी पहले से ही खराब है या आप नियमित रूप से शराब पीते हैं, यानी सप्ताह में 14 यूनिट से अधिक शराब पीते हैं, तो परिणाम अधिक गंभीर हो सकते हैं.
पैरासिटामोल लेने का तरीका क्या है?
खुद से या फार्मासिस्ट की सलाह पर पैरासिटामोल लेना सुरक्षित नहीं माना जाता. इसे लेने का एकमात्र सही तरीका है- डॉक्टर की सलाह. ये दवा 500 मिलीग्राम, 650 मिलीग्राम और यहां तक कि 1000 मिलीग्राम के डोज के साथ मिलता है. इसके इंजेक्शन भी उपलब्ध हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यक्ति को प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा 4 ग्राम या 4000 मिलीग्राम की खुराक दी जा सकती है. वो भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही.
इसलिए अगर किसी को 500 मिलीग्राम की दवा लेने की सलाह दी गई है, तो वो 24 में अधिकतम आठ गोलियां ही ले सकता है. हर गोली के बीच में चार घंटे का अंतराल रखना जरूरी है. ताकि पता चल सके कि स्थिति में सुधार हुआ है या नहीं. दवा को असर करने में एक घंटे तक का समय लग सकता है. पैरासिटामोल को पैरासिटामोल वाली दूसरी दवाओं के साथ बिल्कुल भी न लें क्योंकि इससे ओवरडोज का खतरा होता है.
(एक बार फिर से याद दिला दूं, किसी दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)
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