थोड़ा इंतज़ार कीजिए, करारा जवाब मिलेगा...भारत लौटते ही एक्शन में PM मोदी, एयरपोर्ट पर की बैठक

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को एक बार फिर हिला कर रख दिया है। 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले इस बर्बर हमले के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विदेश दौरे को बीच में ही रद्द कर न केवल दिल्ली वापसी की, बल्कि एयरपोर्ट पर उतरते ही एक आपात बैठक कर हालात का जायज़ा लिया।
एयरपोर्ट पर ही बनी रणनीति प्रधानमंत्री मोदी के दिल्ली लौटते ही, एयरपोर्ट पर एक तात्कालिक हाईलेवल बैठक की गई जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव विनय क्वात्रा भी मौजूद थे। एनएसए डोभाल ने पीएम को हमले की पूरी जानकारी दी और आतंकियों के नेटवर्क व उनकी पृष्ठभूमि को लेकर ब्रीफिंग दी गई। इस बैठक में हमले से जुड़े अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और कूटनीतिक प्रतिक्रिया पर भी चर्चा हुई।
एनआईए की टीम श्रीनगर में एक्टिव हमले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक विशेष टीम श्रीनगर पहुंच चुकी है। यह टीम मौके पर जाकर साक्ष्य जुटा रही है और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकियों की पहचान और उनके नेटवर्क की तह में जाने की कोशिश कर रही है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद राजनीतिक हलकों में भी प्रतिक्रिया तेज हो गई है। शोक और गुस्से के माहौल के बीच कई नेताओं और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने तीखा बयान देते हुए कहा, "बस थोड़ा इंतज़ार कीजिए, इस कायराना हमले का जवाब ऐसा होगा जो आतंकी सोच भी नहीं सकते। सरकार पूरी तरह तैयार है।"
वहीं, सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने भी हमले की निंदा करते हुए दो टूक कहा, "यह समय है आतंकियों को उनके ही अंदाज़ में जवाब देने का। अब ज़रूरत है सटीक और प्रभावी ऑपरेशन की, ताकि उनका नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त हो सके।" श्रीनगर में हाई-लेवल सुरक्षा बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी श्रीनगर के राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सेना और खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल रहे। बैठक में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा, आतंकियों की गिरफ्तारी और सीमाओं पर निगरानी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।
जम्मू में उबाल, कई जिलों में बंद हमले के विरोध में जम्मू, डोडा, किश्तवाड़, रियासी और रामबन जैसे जिलों में संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किया गया है। लोग सड़कों पर उतर कर आतंक के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। जम्मू बंद के दौरान सभी प्रमुख बाज़ार, स्कूल और सार्वजनिक संस्थान बंद रखे गए हैं। सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और हर संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है।
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