Railway New Rule:अब ट्रेन में सफर करना हो गया महंगा? 1 मई से बदल जाएंगे नियम, जान लें वरना हो सकती है परेशानी

Railway New Rule: 1 मई 2025 से भारतीय रेलवे ने कुछ नए चार्ज लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे ट्रेन में सफर करना महंगा हो जाएगा। ये चार्ज यात्रियों पर सीधे प्रभाव डालेंगे और उन्हें अपनी यात्रा की लागत को ध्यान में रखते हुए योजना बनाने की आवश्यकता होगी।भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग, कैंसिलेशन और यात्रा से संबंधित नियमों में बदलाव किए हैं, जो 1 मई 2025 से लागू होंगे।
ये बदलाव यात्रियों के लिए सफर को और महंगा और जटिल बना सकते हैं। पहले वेटिंग और आरएसी टिकट कैंसिलेशन पर अतिरिक्त सर्विस चार्ज और कन्वीनियंस फीस ली जाती थी, जिसे अब हटा दिया गया है। अब केवल न्यूनतम कैंसिलेशन चार्ज लागू होगा।यात्रियों को कैंसिलेशन के लिए कम खर्च करना पड़ेगा, खासकर वेटिंग और आरएसी टिकट पर, क्योंकि अतिरिक्त फीस खत्म हो गई है।लेकिन चार्ट बनने के बाद कन्फर्म टिकट कैंसिल नहीं हो सकता, जिसके लिए ऑनलाइन TDR (Ticket Deposit Receipt) फाइल करना होगा। यह प्रक्रिया जटिल हो सकती है।
1. ट्रेन टिकट कैंसिलेशन चार्ज में बदलाव
नए नियम:
कन्फर्म टिकट:
ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे पहले कैंसिलेशन पर चार्ज:
AC फर्स्ट/एग्जीक्यूटिव क्लास: ₹240 + GST
AC 2 टियर: ₹200 + GST
AC 3 टियर/चेयर कार: ₹180 + GST
स्लीपर क्लास: ₹120
सेकंड क्लास (2S): ₹60
48 घंटे से 12 घंटे पहले: कुल किराए का 25% (न्यूनतम फ्लैट रेट के साथ)।
12 घंटे से 4 घंटे पहले: कुल किराए का 50%।
4 घंटे से कम समय में या चार्ट बनने के बाद: कोई रिफंड नहीं।
वेटिंग/आरएसी टिकट:
ट्रेन के प्रस्थान से 30 मिनट पहले तक कैंसिलेशन पर:
स्लीपर क्लास: ₹60
AC क्लास: ₹65 + GST
30 मिनट से कम समय में: कोई रिफंड नहीं।
1 मई 2025 से, वेटिंग टिकट पर स्लीपर या AC कोच में यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। पहले कुछ मामलों में वेटिंग टिकट धारकों को यात्रा की अनुमति थी, लेकिन अब ऐसा करने पर भारी जुर्माना लगेगा।रेलवे अब AI तकनीक का उपयोग करके सीट आवंटन को और कुशल बनाएगा, जिससे वेटिंग लिस्ट की समस्या कम होने की उम्मीद है।जिन यात्रियों को कन्फर्म टिकट नहीं मिलता, उन्हें अब तत्काल या प्रीमियम तत्काल टिकट लेना होगा, जो महंगे हैं।इससे वेटिंग टिकट पर यात्रा करने वाले निम्न और मध्यम वर्ग के यात्रियों को परेशानी होगी, क्योंकि उनके पास कन्फर्म टिकट के बिना सफर का विकल्प नहीं रहेगा।
अग्रिम आरक्षण अवधि (ARP): पहले 120 दिन पहले टिकट बुक किया जा सकता था, लेकिन अब यह सीमा 60 दिन कर दी गई है। यह नियम 1 नवंबर 2024 से लागू हो चुका है और 1 मई 2025 को भी प्रभावी रहेगा।ताज एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस जैसी कुछ ट्रेनों पर यह नियम लागू नहीं होगा, जहां पहले से कम ARP है।विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिन की बुकिंग सीमा में कोई बदलाव नहीं।कम ARP के कारण टिकट कालाबाजारी और अनावश्यक बुकिंग पर अंकुश लगेगा, लेकिन लंबी दूरी की यात्रा की योजना बनाने वाले यात्रियों को असुविधा होगी।
वेटिंग टिकट के कन्फर्म होने की संभावना कम हो सकती है, क्योंकि कम समय में सीट आवंटन अधिक प्रतिस्पर्धी होगा।त्योहारों जैसे दीवाली और होली के समय टिकट की मांग बढ़ने पर कन्फर्म टिकट मिलना और मुश्किल हो सकता है।वेटिंग टिकट पर यात्रा बंद होने से ये यात्री सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। उनके लिए कन्फर्म टिकट अनिवार्य होगा, जिसके लिए तत्काल या प्रीमियम तत्काल जैसे महंगे विकल्प चुनने पड़ सकते हैं।60 दिन की ARP सीमा के कारण लंबी अवधि की योजना बनाना मुश्किल होगा। इससे त्योहारों या छुट्टियों के समय टिकट की कमी हो सकती हैजो यात्री अंतिम समय में यात्रा की योजना बनाते हैं, उन्हें नए नियमों से फायदा हो सकता है, क्योंकि कम कैंसिलेशन से सीटें उपलब्ध हो सकती हैं।कैंसिलेशन चार्ज से रेलवे की आय पहले की तुलना में कम हो सकती है, क्योंकि सर्विस चार्ज हटा दिया गया है। लेकिन वेटिंग टिकट पर यात्रा बंद होने से तत्काल और प्रीमियम टिकटों की बिक्री बढ़ सकती है।
वेटिंग टिकट पर यात्रा बंद होने से यात्रियों को कन्फर्म टिकट लेना अनिवार्य होगा, जिसके लिए तत्काल या प्रीमियम तत्काल टिकटों की जरूरत पड़ सकती है। ये टिकट सामान्य टिकटों से 2-3 गुना महंगे हो सकते हैं।60 दिन की ARP सीमा को ध्यान में रखकर यात्रा की योजना पहले से बनाएं।अगर कन्फर्म टिकट नहीं मिलता, तो तत्काल टिकट बुक करें, लेकिन इसके लिए समय पर ऑनलाइन उपलब्ध रहें।चार्ट बनने के बाद कैंसिलेशन के लिए TDR फाइल करने की प्रक्रिया सीखें।रेलवे के नए नियमों और चार्जेस की जानकारी के लिए IRCTC वेबसाइट या ऐप का उपयोग करें।
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