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Unified Pension Scheme: आज से पेंशन सिस्टम में बड़ा बदलाव, UPS या NPS में से कोई एक चुन पाएंगे, जानिए क्या बेहतर

 

Unified Pension Scheme: आज से पेंशन सिस्टम में बड़ा बदलाव, UPS या NPS में से कोई एक चुन पाएंगे, जानिए क्या बेहतर


प्रैल महीने की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही पेंशन सिस्टम में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है. जी हां पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बीते मार्च महीने में UPS को नोटिफाई किया था और इसके 1 अप्रैल 2025 से लागू किए जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था. 

ये स्कीम विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है, जो रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित इनकम चाहते हैं. UPS उन केंद्रीय कमचारियों के लिए लागू होगा, जो पहले से ही NPS के तहत रजिस्‍टर्ड हैं. उनके पास अब विकल्प होगा कि वे NPS या UPS में से किसी एक को चुन सकते हैं. आइए जानते हैं इसका लाभ कैसे मिलेगा और कौन सा ऑप्शन ज्यादा बेहतर है?

जनवरी में हुआ था UPS का ऐलान
सरकार ने बीते 24 जनवरी को राष्‍ट्रीय पेंशन सिस्‍टम (NPS) के ऑप्‍शन के तौर पर यूनिफाइड पेशन स्‍कीम (UPS) का आधिकारिक ऐलान किया था और अब इस योजना को 1 अप्रैल 2025 से लागू किए जाने की घोषणा की थी. NPS के तहत कवर होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को इस नई स्कीम का लाभ मिलेगा. यानी जो केंद्रीय कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत आते हैं और इसके तहत यूपीएस के ऑप्शन को चुनते हैं, वो इसका लाभ ले सकेंगे. यूपीएस चुनने वाले लोग किसी अन्य पॉलिसी रियायत, पॉलिसी चेंज, फाइनेंशियल बेनिफिट के हकदार नहीं होंगे.

UPS को आसानी से समझें
अब बताते हैं कि आखिर UPS है क्या? तो यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत अब केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्‍चित पेंशन दी जाएगी, जो कर्मचारी के रिटायरमेंट के पहले के आखिरी 12 महीने की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगा. कर्मचारी को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक सर्विस करनी होगी. वहीं अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को भी एक निश्चित पेंशन मिलती रहेगी, जो उसे मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी होगा. इसके अलावा, मिनिमम एश्‍योर्ड पेंशन भी दिया जाएगा, जिसका मतलब है कि जो लोग 10 साल तक नौकरी करते हैं तो उन्‍हें कम से कम 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी.

सरकारी योगदान कितना होगा?
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और इसमें सरकारी कॉन्ट्रिब्यूशन 14 फीसदी होता है. वहीं 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही UPS में सरकार का ये कॉन्ट्रिब्यूशन या अंशदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी होगा. इस यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू किए जाने से करीब 23 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचने वाला है और सरकारी खजाने पर बढ़ने वाला अतिरिक्त बोझ पहले साल 6250 करोड़ रुपये होगा.

महंगाई के आधार पर बढ़ेगी पेंशन
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत इंडेक्‍सेशन को भी जोड़ा गया है. इसका मतलब है कि महंगाई के हिसाब से रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन बढ़ती रहेगी. यह बढ़ोतरी महंगाई राहत (Dearness Allowance) के तौर पर पेंशन में जोड़ी जाएगी. यह ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) के आधार कैलकुलेट होगा. वहीं रिटायमेंट पर एकमुश्‍त रकम भी दी जाएगी.

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) क्या है?
बता दें कि सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बंद करने के बाद 2004 में सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) शुरू की थी. NPS में अकाउंट पोर्टेबल होता है यानी इसे देश में कहीं से भी चलाया जा सकता है. सरकार ने इसे 2009 में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया था. अब इस स्कीम के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को UPS में स्विच करने की सुविधा भी दी गई है.

UPS और NPS के बीच ये बड़ा अंतर

  • UPS के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को निश्चित पेंशन मिलेगी, जो उनकी रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी की आधा होगी. वहीं, NPS में पेंशन की राशि बाजार के रिटर्न पर निर्भर होती थी, जिससे उसमें उतार-चढ़ाव होता रहता है.
  • UPS और NPS दोनों में सरकारी कर्मचारियों को वेतन का 10 फीसदी योगदान देना होगा. लेकिन सरकारी योगदान की बात करें, तो NPS में 14 फीसदी कंट्रीब्यूशन था, जबकि UPS में ये 18.5 फीसदी होगा.
  • UPS के तहत 25 साल की सर्विस के बाद कर्मचारियों को फिक्स पेंशन और एकमुश्त रकम मिलेगी. पेंशन में महंगाई दर के हिसाब से इजाफा भी होगा. जबकि NPS में कोई निश्चित पेंशन नहीं है.

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