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Waqf Bill : 'अगर परिवर्तन स्वीकार ही नहीं तो फिर... हम कांग्रेस जैसे नहीं'; वक्फ संंशोधन बिल को लेकर ससंद में बोले अमित शाह

 

Waqf Bill : 'अगर परिवर्तन स्वीकार ही नहीं तो फिर... हम कांग्रेस जैसे नहीं'; वक्फ संंशोधन बिल को लेकर ससंद में बोले अमित शाह


Waqf Amendment Bill 2024 : लोकसभा में सोमवार दोपहर वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू प्रश्नकाल के बाद दोपहर इसे सदन में चर्चा के लिए पेश किया। 

स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया है। इसमें से NDA को 4 घंटे 40 मिनट दिए गए हैं, बाकी वक्त विपक्ष को मिला है। अमित शाह ने लोकसभा में बोला कि, अगर परिवर्तन को स्वीकार ही नहीं करना है तो, कमेटी काहे को लिए है भाई, हम कांग्रेस जैसी कमेटी नहीं है, हमारी लोकतांत्रिक कमेटी है जो चर्चा करती है, विचार करती है और फिर परिवर्तन करती है।

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- 'दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला CGO कॉम्प्लेक्स और संसद भवन समेत कई संपत्तियों से जुड़ा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति बताया था। मामला कोर्ट में था, लेकिन उस समय UPA सरकार ने 123 संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था। अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो हम जिस संसद भवन में बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियां गैर-अधिसूचित हो चुकी होतीं।'

वक्फ संशोधन विधेयक पर 25 राज्यों से चर्चा हुई- किरेन

किरेन रिजिजू ने कहा 'मैं यह कहना चाहता हूं कि दोनों सदनों की संयुक्त समिति में वक्फ संशोधन विधेयक पर जो चर्चा हुई है, वह भारत के संसदीय इतिहास में आज तक कभी नहीं हुई। मैं संयुक्त समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद और बधाई देता हूं। अब तक विभिन्न समुदायों के राज्य धारकों के कुल 284 प्रतिनिधिमंडलों ने समिति के समक्ष अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए हैं। 25 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों ने भी अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत की हैं।'

वक्फ की इतनी प्रॉपर्टी है तो गरीब मुसलमानों के इस्तेमाल आए- रिजिजू

किरेन रिजिजू ने कहा कि देश में इतनी वक्फ प्रॉपर्टी है तो इसे बेकार में पड़ा नहीं रहने देंगे। गरीब मुसलमानों और बाकी मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल किया ही जाना चाहिए। हमने रिकॉर्ड देखा है। सच्चर कमेटी ने भी इसका डिटेल में जिक्र किया है। 2006 में 4.9 लाख वक्फ प्रॉपर्टी थी। इनकी टोटल इनकम 163 करोड़ इनकम थी। 2013 में बदलाव करने के बाद जो इनकम बढ़कर 166 करोड़ हुई। 10 साल के बाद भी 3 करोड़ बढ़ी थी। हम इसे मंजूर नहीं कर सकते।

वक्फ बोर्ड तो संसद भवन भी ले लेता...- किरेन रिजिजू

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- 'दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला CGO कॉम्प्लेक्स और संसद भवन समेत कई संपत्तियों से जुड़ा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति बताया था। मामला कोर्ट में था, लेकिन उस समय UPA सरकार ने 123 संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था। अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो हम जिस संसद भवन में बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियां गैर-अधिसूचित हो चुकी होतीं।'

इतनी याचिकाएं किसी बिल पर नहीं आईं- किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू ने कहा कि इससे ज्यादा संख्या में आजतक किसी भी बिल पर लोगों की याचिकाएं नहीं आईं। 284 डेलिगेशन ने अलग-अलग कमेटी के सामने अपनी बात रखी है। 25 राज्यों के वक्फ बोर्ड ने अपना पक्ष रखा. पॉलिसी मेकर्स, विद्वानों ने भी अपनी बात कमेटी के सामने रखी हैं। इस बिल का पॉजिटिव सोच के साथ विरोध करने वाले भी समर्थन करेंगे। यह प्रस्ताव खुले मन से पॉजिटिव नोट के सामने पेश कर रहा हूं। किसी ने असंवैधानिक बताया तो किसी ने नियमविरुद्ध।'

रिजिजू बोले- 'जब पहली बार ये प्रस्ताव सदन में पेश किया गया था 1913 में, उसके बाद जब दोबारा एक्ट पास किया गया था। 1930 में एक्ट लाया गया था। आजादी के बाद 1954 में वक्फ एक्ट पहली बार आजाद भारत का एक्ट बना और उसी में राज्य के बोर्ड का भी प्रावधान किया गया था। 1995 में व्यापक रूप से एक्ट बना। उस समय किसी ने इसे असंवैधानिक, नियमविरुद्ध नहीं कहा। आज हम जब ये बिल ला रहे तो ये बोलने का विचार कैसे आया। जिसका बिल में कोई लेना-देना नहीं है, उसे लेकर आपने लोगों को गुमराह करने का काम किया। 1995 में ट्रिब्यूनल का इंतजाम किया गया।

वक्फ बोर्ड ने आजतक कितनी गरीब बच्चियों की शादी करवाई

वक्फ बिल का कई मुस्लिम संगठन समर्थन भी कर रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि वक्फ बोर्ड ने आजतक मुसलमानों की तरक्की में क्या योगदान दिया? वक्फ बोर्ड ने आजतक कितनी गरीब बच्चियों की शादी करवाई। वक्फ बोर्ड ने आज तक कितने बे घरों को घर दिये। लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल (Waqf amendment bill) पेश किया गया है। जिसके बाद दिल्ली और भोपाल में कई छोटे-छोटे मुस्लिम संगठनों ने भी बिल के सपोर्ट में रैलियां निकाली।

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